Joe Biden बने अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति, Kamala Harris बनीं पहली महिला उप राष्ट्रपति
अमेरिका के इतिहास में सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने अपने परिवार की 127 साल पुरानी बाइबिल पर हाथ रखकर पद और गोपनीयता की शपथ ली. इसी बाइबिल पर हाथ रखकर उन्होंने उप राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी.
वॉशिंगटन: जो बाइडन (Joe Biden) ने बुधवार को अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति और कमला हैरिस (Kamala Harris) ने पहली महिला उप राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के समर्थकों को रोकने के लिए कैपिटल बिल्डिंग (संसद भवन) के आसपास हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए. डेमोक्रेटिक नेता बाइडन (78) को चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने कैपिटल बिल्डिंग के ‘वेस्ट फ्रंट’ में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.
इस बार समारोह में कम लोगों को आमंत्रित किया गया और नेशनल गार्ड के 25,000 से अधिक जवान सुरक्षा में तैनात हैं.
अमेरिका की पहली महिला उप राष्ट्रपति बनीं हैरिस
बाइडन के शपथ लेने से पहले भारतीय मूल की कमला हैरिस ने ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अमेरिका की पहली महिला उप राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. हैरिस अमेरिका की 49वीं उप राष्ट्रपति हैं.
भारत के चेन्नई निवासी प्रवासी भारतीय की बेटी हैरिस (56) ने अमेरिका की पहली महिला उप राष्ट्रपति बनकर इतिहास रच दिया है. वह इस पद पर पहुंचने वाली पहली अश्वेत एवं पहली एशियाई अमेरिकी भी हैं. उनके पति 56 वर्षीय डगलस एमहोफ इसके साथ ही अमेरिका के पहले ‘सेकेंड जेंटलमैन’, अमेरिकी उप राष्ट्रपति के पहले पुरुष जीवनसाथी बन गए हैं.
ये भी पढ़ें- Joe Biden के राष्ट्रपति बनने से भारत को होने वाले फायदे और नुकसान को जानिए
सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सोनिया सोटोमेयर ने हैरिस को शपथ दिलाई. समारोह में पूर्व राष्ट्रपति-बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बिल क्लिंटन भी शामिल हुए. पूर्व प्रथम महिला-मिशेल ओबामा, लौरा बुश और हिलेरी क्लिंटन भी मौजूद थीं.
जो बाइडेन का पहला भाषण
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने 21 मिनट लंबे भाषण में बाइडन ने चुनौती स्वीकार करने और लोकतंत्र को पुन: बहाल करने के लिए अमेरिकी नागरिकों की प्रशंसा की. कोरोना वायरस संक्रमण और नस्ली अन्याय के खिलाफ लड़ाई जैसी चुनौतियों का संदर्भ देते हुए बाइडन ने कहा, ‘‘एकजुट होकर हम बहुत कुछ कर सकते हैं.’’ महामारी को हराने, हालात सुधारने, देश को एकजुट करने के अपने दृष्टिकोण से सभी को अवगत कराते हुए उन्होंने कहा, ‘‘एकजुटता ही आगे का रास्ता है.’’ बाइडन ने इस बात पर जोर दिया कि वह सभी अमेरिकी नागरिकों के राष्ट्रपति हैं, उन्हें वोट देने वालों के भी और नहीं देने वालों के भी.
उन्होंने यह भी कहा कि देश को श्वेत नस्ल की श्रेष्ठता की मानसिकता के खिलाफ लड़ना होगा. उन्होंने रेखांकित किया कि उप राष्ट्रपति के रूप में हैरिस का शपथ ग्रहण दिखाता है कि देश में कितने सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह मत कहिए कि चीजें बदल नहीं सकती हैं.’’
उन्होंने क्रोध और विभाजन को शह देने वालों की आलोचना की और उनका विरोध करने वालों से कहा ‘‘एक बार मेरी बात सुनें.’’ बाइडन ने राजनीतिक सत्ता और लाभ के लिए झूठ बोलने वालों की आलोचना की और कहा ‘‘सच और झूठ सब सामने आते हैं.’’
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए अपने संदेश में बाइडन ने अमेरिका के साझेदारों के साथ संबंधों को दुरुस्त करने और दुनिया के साथ एक बार फिर साझेदारी बढ़ाने का वादा किया. उन्होंने कहा कि देश ने परीक्षा की घड़ी पार की है और मजबूत बनकर उभरा है.
डेमोक्रेटिक पार्टी के 78 वर्षीय अनुभवी नेता ने अपने भाषण में कहा, ‘‘हम शांति, प्रगति और सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूत और विश्वस्त साझेदारी होंगे.’’
डोनाल्ड ट्रंप ने तोड़ी 152 साल की परंपरा
डोनाल्ड ट्रंप, बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए. ऐसा करते हिए उन्होंने अमेरिका की 152 साल पुरानी परंपरा तोड़ दी. वे अंतिम बार राष्ट्रपति के तौर पर व्हाइट हाउस से विदा लेते हुए विमान से फ्लोरिडा स्थित अपने स्थायी आवास ‘मार-आ-लागो एस्टेट’ के लिए रवाना हो गए. निवर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस समारोह में शामिल हुए हैं.
ये भी पढ़ें- Twitter ने अमेरिकी राष्ट्रपति के ऑफिशियल अकाउंट 'POTUS' को किया रीसेट
अमेरिका के इतिहास में सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बाइडन ने अपने परिवार की 127 साल पुरानी बाइबिल पर हाथ रखकर पद और गोपनीयता की शपथ ली. इसी बाइबिल पर हाथ रखकर उन्होंने उप राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी.
LIVE TV