रासायनिक हमले पर डोनाल्ड ट्रम्प का करारा जवाब, अमेरिका ने सीरिया पर दागीं टोमहॉक मिसाइलें
सीरिया में आम नागरिकों के खिलाफ इस सप्ताह किए गए घातक संदिग्ध रासायनिक हमले के जवाब में अमेरिका ने सीरियाई अड्डों पर क्रूज मिसाइलें दागी हैं.
वाशिंगटन : सीरिया में आम नागरिकों के खिलाफ इस सप्ताह किए गए घातक संदिग्ध रासायनिक हमले के जवाब में अमेरिका ने सीरियाई अड्डों पर क्रूज मिसाइलें दागी हैं. यह जानकारी अमेरिकी अधिकारियों ने दी. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जिस एयरबेस पर हमला किया गया है, उसका इस्तेमाल असद शासन ने इस सप्ताह की शुरुआत में घातक रासायनिक हमला बोलने के लिए किया था.
अमेरिका की ओर से सीरिया पर पहला सीधा हमला
अमेरिका की ओर से सीरिया सरकार पर किया गया है यह पहला सीधा हमला है. इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से उनके द्वारा जारी किया गया यह सबसे नाटकीय सैन्य आदेश है. अमेरिका ने यह सैन्य हमला शुक्रवार तड़के करीब 3 बजे किया. यह हमला ट्रंप की सोच में एक बदलाव को भी दिखाता है क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अमेरिका को सीरियाई गृह युद्ध में खींचे जाने के खिलाफ चेतावनी दी थी लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रंप रासायनिक हमले में मारे गए बच्चों की तस्वीरें देखकर हिल गए हैं.
सीरिया पर दागी 60 यूएस टोमाहॉक मिसाइलें
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि होम्स के दक्षिणपूर्व में स्थित शाएरात एयरबेस पर लगभग 60 यूएस टोमाहॉक मिसाइलें दागी गईं. दो रनवे वाले इस छोटे से एयरबेस से अकसर विमान उत्तरी एवं मध्य सीरिया में बम गिराने के लिए उड़ान भरते हैं.
अमेरिकी मिसाइलें शुक्रवार तड़के तीन बजकर 45 मिनट पर दागी गईं. इन्होंने एयरबेस की हवाई पट्टियों, हैंगरों, नियंत्रण टावरों और युद्धक सामग्री वाले क्षेत्रों को निशाना बनाया.
रासायनिक हमले का जवाब
ये मिसाइलें भूमध्यसागर में दो युद्धपोतों से दागी गईं. इन्हें मंगलवार (4 अप्रैल) के घातक रासायनिक हमले के जवाब में दागा गया. अधिकारियों का कहना है कि इस हमले में क्लोरीन मिले एक नर्व एजेंट, संभवत: सेरिन का इस्तेमाल किया गया.
रेक्स टिलरसन ने सीरिया को किया था आगाह
डोनाल्ड ट्रम्प ने इस रासायनिक हमले को ‘मानवता के लिए शर्मनाक’ करार दिया, जिसने बहुत सी सीमाएं लांघ दी हैं. इस हमले से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने फ्लोरिडा में वेस्ट पाम बीच हवाई अड्डे पर संवाददाताओं के समक्ष राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटाने का आह्वान करते हुए कहा था कि अमेरिका सीरिया में हुए रासायनिक हमले के उचित जवाब पर विचार कर रहा है. वहीं रूस ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वाशिंगटन सीरिया के खिलाफ सैन्य कदम उठाता है तो इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं.
सीरिया सरकार को लगातार दी गई चेतावनी
भूमध्यसागर में युद्धपोतों से दागी गईं लगभग 60 यूएस टोमाहॉक मिसाइलों ने रासायनिक हमले के जवाब में एक एयरबेस को निशाना बनाया. इस रासायनिक हमले के संदर्भ में अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि सीरिया सरकार के विमान ने एक नर्व एजेंट, संभवत: सेरिन से हमला बोला. ट्रंप ने अमेरिकी हमलों की घोषणा पहले नहीं की लेकिन वह और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी पूरे दिन सीरिया सरकार को इस संबंध में चेतावनी देते रहे.
सीरिया में जो हुआ वह जघन्य अपराध : ट्रम्प
एयरफोर्स वन में फ्लोरिडा जाते समय ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे लगता है कि सीरिया में जो कुछ हुआ है, वह जघन्य अपराधों में से एक है और ऐसा नहीं होना चाहिए था. ऐसा दोबारा होने नहीं दिया जाना चाहिए.’ इससे पहले ‘एएफपी’ की खबर के अनुसार संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत व्लादिमीर सफ्रोनकोव ने सीरिया में सैन्य हमले के खिलाफ अमेरिका को चेतावनी देते हुए कल कहा था, ‘हमें नकारात्मक परिणामों के बारे में सोचना होगा.’
सीरिया में ट्रम्प की कार्रवाई चीन को भी संकेत
अमेरिका की ओर से किया गया मिसाइल हमला ऐसे समय पर हुआ है, जब ट्रंप चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ दो दिवसीय बैठक कर रहे हैं. इस बैठक के मुद्दों के केंद्र में एक और ऐसा मुद्दा है जो अमेरिकी सुरक्षा द्वंद्व की वजह बना हुआ है और वह मुद्दा है उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम. सीरिया में ट्रंप की कार्रवाई चीन को यह संकेत दे सकती है कि नए राष्ट्रपति चीन जैसे प्रमुख देशों के बीच रास्ते में खड़े होने के बावजूद एकपक्षीय सैन्य कदम उठाने से डरते नहीं हैं.