US Military Prepares Swarm Drone Army Against China: दुनिया में चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए अमेरिका भी उसकी काट ढूंढने में लगा हुआ है. आर्मीनिया-अजरबैजान और अब रूस-यूक्रेन युद्ध में ड्रोन वॉर की कामयाबी को देखते हुए अमेरिका भी इसी तकनीक पर काम करने में लगा है. वह एक तकनीक पर काम कर रहा है, जिसमें जंग की स्थिति में हजारों ड्रोन एक साथ दुश्मन देश पर हमला करके उसे नेस्तनाबूद कर देंगे. यह हमला इतना भयानक और तेज होगा कि दुश्मन देश के एयर डिफेंस सिस्टम भी कुछ नहीं कर पाएंगे और वे ड्रोन आराम से उसके सभी सैनिक ठिकानों को खत्म कर देंगे.


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हवा, पानी, जमीन पर एक साथ हमला



रिपोर्ट के मुताबिक पेंटागन की ओर से चलाए जा रहे इस खुफिया प्रोजेक्ट का नाम ऑटानमस मल्‍टी डोमेन एडैप्टिव स्‍वार्म्‍स ऑफ स्‍वार्म्‍स यानी अमैस प्रोजेक्ट है. इस रिसर्च को अमेरिका (US Military Drones) की डिफेंस रिसर्च एजेंसी DARPA अंजाम दे रही है. यूएस की ओर से विकसित किए जा रहे ये हमलावर ड्रोन इतने शक्तिशाली होंगे कि वे हवा, पानी और जमीन पर एक साथ हमला कर सकेंगे. रक्षा हलकों में माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद अमेरिकी मिलिट्री फिर से ड्रोन सेक्टर की बादशाह बन जाएगी. 


78 मिलियन डॉलर का है पूरा प्रोजेक्ट


अमेरिकी मिलिट्री (US Military Drones) के जानकारों के मुताबिक गोपनीय रूप से चलाया जा रहा यह पूरा प्रोजेक्ट 78 मिलियन डॉलर का है. अभी इस प्रोजेक्ट पर रिसर्च चल रही है. रिसर्च कंप्लीट होने के बाद इसे ड्रोन मेकिंग के लिए किसी सिंगल प्राइवेट कॉन्ट्रेक्टर को सौंपा जा सकता है. ऐसा होने पर अभी तक का यह सबसे बड़ा ड्रोन मेकिंग कॉन्ट्रेक्ट होगा. डी-ब्रीफ की ए‍क रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सेना गुप्त रूप से यह पूरी रिसर्च कर रही है. रिसर्च एजेंसी DARPA इस बात का ट्रायल कर रही है कि एक साथ लॉन्च होने के बाद हजारों ड्रोन दुश्मन देश के एयर डिफेंस सिस्टम, आर्टिलरी, मिसाइल लॉन्चर्स और सर्विलांस सिस्टम को कैसे बर्बाद कर सकते हैं. 


चीन को मिट्टी में मिलाने का अमेरिकी प्लान


अमेरिकी सरकार और सेना (US Military Drones) इस प्रोजेक्ट के बारे में कोई बयान नहीं दे रही है लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका के दिमाग में चीन घूम रहा है. ताइवान पर चीनी हमले की बढ़ती आशंका को देखते हुए अमेरिका अपनी सैनिक तैयारियां तेजी से आगे बढ़ा रहा है. अमेरिका का प्लान ये है कि अगर ताइवान पर चीनी हमला होता है तो हजारों ड्रोन पर विस्फोटक बांधकर चीन पर छोड़ दिए जाएंगे, जिससे उसके सभी प्रमुख सैनिक ठिकाने आसानी से खत्म किए जा सकें. रिपोर्ट के मुताबिक इन ड्रोन में ऐसे सेंसर लगे होंगे कि कमांड मिलने पर ये अपने आप उड़कर दुश्मन देश पर हमला बोल सकेंगे. 


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