वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर जो भी व्यक्ति होता है, उसके पास हमेशा एक ब्रीफकेस होता है. जिसे न्यूक्लियर फुटबॉल कहते हैं. इस ब्रीफकेस में परमाणु हमले के लिए कोड होते हैं, जिनके इस्तेमाल के बाद ही अमेरिकी सैन्य बल किसी परमाणु हथियार को एक्टिवेट कर सकते हैं. ये न्यूक्लियर कोड कभी भी राष्ट्रपति से अलग नहीं होता है. और जब अमेरिका के राष्ट्रपति बदलते हैं, तो ये ब्रीफकेस भी एक से दूसरे के पास चला जाता है. इसीलिए नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण का समय 12 बजे के आस पास का होता है और यही वो समय होता है, जब दोनों राष्ट्रपति यानि गद्दी छोड़ने जा रहे राष्ट्रपति के सामने कुछ ही समय बाद राष्ट्रपति बनने जा रहा व्यक्ति होता है. हालांकि इस बार ऐसा नहीं हो रहा.


फ्लोरिडा चले गए ट्रंप


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ऐसा पहली बार है, जब नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह से निवर्तमान राष्ट्रपति गायब हो. जी हां, जो बाइडेन जब अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ले रहे होंगे तो उस समय डोनाल्ड ट्रंप वहां मौजूद नहीं होंगे. बल्कि वो फ्लोरिडा में होंगे. यही नहीं, उनके साथ न्यूक्लियर कोड वाला ब्रीफकेस भी होगा. क्योंकि अमेरिकी संविधान के मुताबिक जबतक बाइडेन अपने पद की शपथ नहीं ले लेते, तबतक उनके पास वो ब्रीफकेस नहीं आ सकता. और उस समय तक डोनाल्ड ट्रंप के पास संवैधानिक तरीके से न्यूक्लियर कोड रहेगा.


इस बार क्या होगा?


डोनाल्ड ट्रंप फ्लोरिडा में होंगे और न्यूक्लियर कोड वाला ब्रीफकेस भी उनके पास होगा. हालांकि वो अमेरिकी समय के मुताबिक दिन के 12 बजे के बाद उनका ब्रीफकेस किसी काम का नहीं होगा. क्योंकि जो डिवाइस उसमें लगी होगी, वो बंद की जा चुकी होगी और बाइडेन के पास नया ब्रीफकेस पहुंच चुका होगा. 


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अमेरिका में कई ब्रीफकेस!


अमेरिका में राष्ट्रपति के अलावा आपात समय में परमाणु हमले का आदेश दे सकने के लिए कम से कम 4 मशीने होती हैं. एक की जिम्मेदारी उप राष्ट्रपति के पास होती है. दो अन्य ब्रीफकेस स्टैंडबाई में रखे होते हैं. ऐसे में जिस समय डोनाल्ड ट्रंप फ्लोरिडा में होंगे, तब भी उनके पास एक ब्रीफकेस बना रहेगा. ऐसा अमेरिकी कानूनों की वजह से है. हालांकि बाइडेन के राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही उनका ब्रीफकेस और उसमें चल रही मशीन बंद कर दी जाएगी.


ब्रीफकेस को लेकर पिछले कुछ समय पहले चली थी बहस


जिस समय कैपिटल हिल में हिंसा हो रही थी और डोनाल्ड ट्रंप को पद से हटाने की प्रक्रिया चलाई जा रही थी, जोकि अब भी जारी है. उस समय विशेषज्ञों ने इस बात की चिंता जताई थी कि कहीं डोनाल्ड ट्रंप परमाणु हथियारों को लेकर कोई गलत कदम न उठा लें. क्योंकि उनके पास परमाणु हमले का आदेश देने में सक्षम ब्रीफकेस है. हालांकि सारी चिंताएं निराधार साबित हुई.