संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि अमेरिका म्यामां के रखाइन राज्य में खराब होती स्थिति को लेकर ‘बहुत अधिक चिंतित’ है. उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र की प्रवासियों संबंधी एक एजेंसी ने इस बात की पुष्टि की है कि पिछले दो सप्ताह में 2,70,000 लोग देश छोड़कर बांग्लादेश गए हैं. कई रोहिंग्या आम नागरिक बांग्लादेश भाग गए हैं जिसके कारण वहां राहत शिविर खचाखच भर गए हैं. इन शिविरों में पहले से ही क्षमता से अधिक लोग हैं और इससे मानवीय संकट का खतरा पैदा हो गया है.


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म्यांमार के रखाइन राज्य में संघर्ष से बचकर भागने की कोशिश में कई और लोगों की मौत हो गई है. रखाइन में प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 25 अगस्त को रोहिंग्या चरमपंथियों ने समन्वित हमले शुरू किए थे जिसके बाद से पूरे के पूरे गांवों को जला दिया गया. रोहिंग्या उग्रवादियों के हमले के बाद सेना के नेतृत्व में कार्रवाई की गई थी.


निक्की ने शुक्रवार (8 सितंबर) को यहां जारी एक बयान में कहा कि पिछले सप्ताह से रखाइन में हालात खराब होते जा रहे हैं. बयान में कहा गया है कि अमेरिका निर्दोष नागरिकों के खिलाफ हमलों की लगातार आ रही रिपोर्ट के ‘‘बहुत चिंतित’’ है और वह म्यामां के सुरक्षा बलों से अपील करता है कि वे अपने सुरक्षा अभियानों के दौरान इन आम नागरिकों का सम्मान करें.


उन्होंने कहा, ‘‘आम नागरिकों पर हमले जमीनी स्तर पर हिंसा को भड़काएंगे और रखाइन राज्य में सभी समुदायों को लाभ पहुंचाने वाली अन्नान आयोग की सिफारिशों के त्वरित क्रियान्वयन समेत दीर्घकालिक समाधानों की हर उम्मीद को भी खत्म कर देंगे.’’ इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) ने इस बात की पुष्टि की है कि पिछले दो सप्ताह में म्यामां में हिंसा से बचने के लिए 2,70,000 लोग बांग्लादेश आए हैं और आने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है.


निक्की ने कहा कि अमेरिका इस बात का स्वागत करता है कि म्यामां सरकार हिंसा के कारण विस्थापित हुए सभी लोगों को मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है. अमेरिका म्यामां से यह सुनिश्चित करने की भी अपील करता है कि ‘‘यह मदद वास्तव में उन लोगों के पास जल्द से जल्द पहुंचे, जिन्हें इसकी आवश्यकता है और यह मदद इस तरह मुहैया कराई जाएं जिससे उनके अधिकारों एवं गरिमा का भी सम्मान हो.’’ 


(इनपुट एजेंसी से भी)