Joe Biden UN Speech in Hindi: इस साल के आखिर में रिटायर होने जा रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को आखिरी बार संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने अमेरिका- वियतनाम युद्ध से लेकर इजरायल हमास युद्ध और रूस- नाटो के बीच टकराहट पर बात की. बाइडेन ने कहा कि आज से करीब 50 साल पहले जब उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया था तो अमेरिका और वियतनाम का युद्ध चल रहा था. उस वक्त दोनों देशों ने बातचीत के जरिए मतभेदों को दूर किया.


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'नाटो अब पहसे से ज्यादा मजबूत हो गया'


अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि चीजें पहले से भी बेहतर हो सकती हैं. इसे मैंने अपने पूरे करियर में देखा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर तंज कसते हुए बाइडेन ने कहा कि वे नाटो को कमजोर करने निकले थे लेकिन दो नए सदस्य देशों स्वीडन और फिनलैंड के जुड़ने के बाद अब यह संगठन पहसे से कहीं ज्यादा एकजुट और मजबूत हो गया है. 


यूक्रेन अब भी आजाद मुल्क- जो बाइडेन


जो बाइडेन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन का अभियान फेल हो गया है और यूक्रेन अब भी आजाद मुल्क है. पुतिन के अतिक्रमण के खिलाफ हमारे नाटो सहयोगी और साझेदारों समेत 50 से ज्यादा देश रूस के खिलाफ खड़े हो गए. बड़ी बात ये रही कि यूक्रेन के लोग भी मैदान में डट गए. उन्होंने कहा कि वे आखिर वक्त तक इस जंग में यूक्रेन का समर्थन करते रहेंगे. 


अपने संबोधन में बाइडेन ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमास के भयानक हमले के बारे में भी बात की, जिसमें 12 सौ से ज्यादा लोग मारे गए थे और ढाई सौ से ज्यादा को आतंकी बंधक बनाकर ले गए थे. बाइडेन ने अपने संबोधन में कहा, 'मैंने उन बंधकों के परिवारों से मुलाकात की. उनसे मिलकर मुझे काफी दुख हुआ. वे नरक से गुज़र रहे हैं.'


'गाजा में दोनों पक्ष बातचीत की मेज पर आएं'


बाइडेन ने इस दौरान गाजा में हमलों का शिकार हो रहे लोगों का भी जिक्र किया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'गाजा के निर्दोष नागरिक भी नरक से गुजर रहे हैं. वहां पर हजारों-हजारों लोग मारे गए, जिनमें कई सहायता कर्मी भी शामिल थे. काफी सारे परिवार विस्थापित हो गए. टेंटों में भारी भीड़ जमा है और उन्हें गंभीर मानवीय स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.' बाइडेन ने दोनों पक्षों से अपील की कि वे अब बातचीत की मेज पर आएं और गाजा के लोगों के दुखों को कम करें. 


'अब नई पीढ़ी के हाथ में नेतृत्व सौंपने का वक्त'


डेमोक्रेट नेता जो बाइडेन ने इस साल राष्ट्रपति पद की दौड़ से पीछे हटने के अपने फैसले का भी बचाव किया. बाइडेन ने कहा कि सत्ता में बने रहना सबसे महत्वपूर्ण बात नहीं है. असली बात ये है कि राष्ट्रपति बनना मेरे जीवन का सम्मान रहा है और मैं अभी भी बहुत कुछ करना चाहता हूं.


बाइडेन ने कहा, 'जितना मैं इस जॉब (राष्ट्रपति पद) से प्यार करता हूं, उससे भी ज़्यादा मैं अपने देश से प्यार करता हूँ. मैंने फैसला किया कि 50 साल की सार्वजनिक सेवा के बाद देश को आगे ले जाने के लिए नई पीढ़ी के हाथों में नेतृत्व सौंपने का समय आ गया है.'