Hardeep Singh Nijjar: खालिस्तान आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मुद्दा भारत-कनाडा संबंधों में तनाव की वजह बन गया है. दरअसल कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इन आरोपों को विश्वसनीय बताया है कि भारत सरकार का कनाडा में एक सिख कार्यकर्ता की हत्या से संबंध हो सकता है. वहीं दूसरी तरफ भारत ने कनाडा के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.


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व्हाइट हाउस ने कहा कि जून में ब्रिटिश कोलंबिया में एक खालिस्तानी नेता की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों को शामिल होने के कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों पर अमेरिका 'गहराई से चिंतित' है।


व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने एक बयान में कहा, 'हम आज प्रधान मंत्री ट्रूडो द्वारा संदर्भित आरोपों के बारे में गहराई से चिंतित हैं।" उन्होंने कहा, 'हम अपने कनाडाई भागीदारों के साथ नियमित संपर्क में रहते हैं.' यह महत्वपूर्ण है कि कनाडा की जांच आगे बढ़े और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए.'


कनाडा के पीएम ने क्या कहा?
जस्टिन ट्रुडो ने संसद में कहा,‘पिछले कई हफ्तों से कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोपों पर सक्रिय रूप से काम कर रही हैं.’


कनाडा के पीएम ने कहा, ‘कनाडाई धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार की कोई भी संलिप्तता हमारी संप्रभुता का अस्वीकार्य उल्लंघन है.’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस मामले पर कनाडा के सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रही है और समन्वय कर रही है. उन्होंने कहा, 'कड़े शब्दों में मैं भारत सरकार से इस मामले की तह तक जाने के लिए कनाडा के साथ सहयोग करने का आग्रह करता हूं.'


भारत ने खारिज किए कनाडा के आरोप
वहीं भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इन आरोपों को ‘बेतुका’,और ‘बेबुनियाद’ बताकर खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत की संलिप्तता होने के आरोप ‘बेतुके’हैं.  उसने कहा, ‘ऐसे ही आरोप कनाडा के प्रधानमंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री से बातचीत में भी लगाए थे, जिन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था.'


विदेश मंत्रालय ने कहा, 'भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जो कानून के शासन के लिए प्रतिबद्ध है।' उसने कहा कि इस तरह के ‘बेबुनियाद’ आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें 'कनाडा में आश्रय प्रदान किया गया है और जो भारत की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं.'


मंत्रालय ने कहा, 'इस मामले में कनाडा सरकार की निष्क्रियता लंबे समय से और लगातार चिंता का विषय बनी हुई है.'