US Strike On Hezbollah: अमेरिका ने इजरायल और गाजा के बीच जारी युद्ध के बीच एक बार फिर इराक में हिजबुल्लाह और इससे संबंधित गुटों के ठिकानों पर हमला किया है. अमेरिका ने इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर किए गए आतंकी हमलों के बाद जवाबी कार्रवाई के तहत ये हमला किया है. बताया जा रहा है कि अमेरिकी सेना ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के निर्देश पर यह हमला किया है. इससे पहले इराक में ईरान समर्थित आतंकवादियों ने सोमवार (25 दिसंबर) को अमेरिकी सैन्य अड्डे को ड्रोन से निशाना बनाया था, जिसमें 3 अमेरिकी सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए थे.


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जवाबी कार्रवाई में मारे गए हिजबुल्लाह के कई आतंकी


अमेरिकी सेना ने जानकारी देते हुए अपने बयान में बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के निर्देश पर सेना ने देर रात 1:45 बजे इराक में हमले किए. अमेरिका की जवाब कार्रवाई में कातिब हिजबुल्लाह के कई आतंकवादी मारे गए. इसके साथ ही अमेरिका ने आतंकी समूहों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कई सुविधाओं को नष्ट कर दिया. यूएस सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल एरिक कुरिला ने कहा, 'इन हमलों का उद्देश्य इराक और सीरिया में हमारे सैन्य ठिकानों पर हमलों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार तत्वों को जवाब देना था. इसके अलावा हम हमले जारी रखने की उनकी क्षमता को कम करना चाहते थे. हम हमेशा अपनी सेनाओं की रक्षा करेंगे.'


बाइडेन ने दिए सख्त कार्रवाई करने के आदेश


अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने गंभीर रूप से घालय अमेरिकी सैनिकों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. इसके साथ ही पेंटागन ने इस बात का भी खुलासा नहीं किया है कि सैनिकों को कितनी चोट लगी है. व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने जानकरी देते हुए बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को हमले के बारे में जानकारी दी गई है. इसके बाद उन्होंने पेंटागन को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है.


मिडिल ईस्ट में फैल रहा इजराइल-हमास युद्ध


इस तरह के हमले साबित करते हैं कि कैसे इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध पूरे मिडिल ईस्ट में फैल रहा है और अशांति पैदा कर रहा है. इसने इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों को निशाने पर ले लिया है. इराक और सीरिया में ईरान-गठबंधन वाले समूह गाजा में इजरायल के अभियान का विरोध करते हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका को आंशिक रूप से जिम्मेदार मानते हैं.