ताइवान से रिश्तों को बढ़ावा देने वाले अमेरिकी विधेयक पारित, चीन ने जताया कड़ा विरोध
विधेयक में कहा गया है कि अमेरिका की यह नीति होनी चाहिए कि ताइवान के उच्च स्तर के अधिकारी अमेरिका आएं, अमेरिकी अधिकारियों से मिलें और देश में कारोबार करें.
बीजिंग: अमेरिकी सीनेट में ताइवान के साथ संबंधों को बढ़ावा देने वाले एक विधेयक के पारित होने के बाद चीन ने अमेरिका के समक्ष आधिकारिक रूप से अपना विरोध दर्ज कराते हुए नाराजगी प्रकट की है. अमेरिका और ताइवान के बीच सभी स्तरों पर यात्रा को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी सीनेट ने ताइवान यात्रा कानून पारित किया है. विधेयक में कहा गया है कि अमेरिका की यह नीति होनी चाहिए कि ताइवान के उच्च स्तर के अधिकारी अमेरिका आएं, अमेरिकी अधिकारियों से मिलें और देश में कारोबार करें.
अमेरिका ने ‘एक चीन’ के तहत बीजिंग में कम्यूनिस्ट शासकों को मान्यता देते हुए 1979 में ताइवान से औपचारिक राजनयिक संबंध खत्म कर दिया था. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि नये विधेयक का प्रावधान बाध्यकारी नहीं है लेकिन यह एक चीन के सिद्धांत का सरासर उल्लंघन करता है . हुआ ने कहा, ‘‘चीन ने कड़ा विरोध जताया है और औपचारिक रूप से इसका विरोध किया गया है.’’
अमेरिकी सीनेट ने ताइवान के साथ संबंधों को बढ़ावा देने वाला विधेयक पारित किया
अमेरिकी सीनेट ने अमेरिका-ताइवान के रिश्तों को बढ़ावा देने वाले एक विधेयक को गुरुवार (1 मार्च) को पारित कर दिया. ‘द ताइवान ट्रैवल एक्ट’ का उद्देश्य अमेरिका एवं ताइवान के बीच यात्राओं को ‘‘हर स्तर पर’’ प्रोत्साहित करना है. विधेयक को जनवरी में प्रतिनिधि सभा ने सर्वसम्मति से पारित किया था.
विधेयक में यह कहा गया कि अमेरिका आने वाले, अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात करने वाले और देश में कारोबार के सिलसिले में आने वाले उच्च स्तरीय ताइवानी अधिकारियों के लिये अमेरिकी नीति होनी चाहिए. इस विधेयक को कानून बनने के लिये अब सिर्फ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हस्ताक्षर का इंतजार है और इसके रास्ते में अब कोई व्यवधान भी दिखता प्रतीत नहीं हो रहा क्योंकि इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया है.