वाशिंगटन : अमेरिका के एक सांसद ने संसद में एक प्रस्ताव पेश कर पाकिस्तान और कश्मीर में सक्रिय अमेरिकी गैर-लाभकारी निकायों (NGO) की गतिविधियों की जांच की मांग की है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के घटकों के साथ उनका कथित सहयोग शामिल है.


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लश्कर-ए-तैयबा ने ही मुम्बई 26/11 हमले को अंजाम दिया था. इसमें अमेरिकी नागरिकों सहित करीब 166 लोगों की जान गई थी. नौ आतंकवादी ढेर हो गए थे और जिंदा पकड़े गए एक अन्य आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी दे दी गई थी.


इंडियाना से रिपब्लिकन सांसद जिम बैंक्स की ओर पेश ‘हाउस रेजलूशन’ (संख्या 160) में दक्षिण एशिया में, विशेष रूप से पाकिस्तान और बांग्लादेश में सक्रिय धार्मिक समूहों द्वारा लोकतंत्र तथा मानवाधिकारों के समक्ष पेश किए जा रहे खतरों पर चिंता व्यक्त की गई है. प्रस्ताव को आवश्यक कार्रवाई के लिए सदन की विदेश मामलों की समिति के पास भेज दिया गया है. गुरुवार को पेश किए गए इस प्रस्ताव का अभी तक किसी अन्य ने समर्थन नहीं किया है.


आतंकी हाफिज सईद है लश्‍कर-ए-तैयबा का सरगना. फाइल फोटो

राहत एवं विकास के लिए मदद करने वाले एनजीओ हेल्पिंग हैंड फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट इन पाकिस्तान एंड कश्मीर ने 2017 में खुले तौर पर पाकिस्तान के ‘फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन’ को समर्थन दिया था, जिसे अमेरिकी सरकार ने 2016 में आतंकवादी संगठन घोषित किया था.