अमेरिकी सरकार ने रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रति तटस्थ नीति अपनाने की वजह से इमरान खान को पीएम पद से हटाने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डाला था. 'द इंटरसेप्ट' ने पाकिस्तानी सैन्य स्रोत से प्राप्त एक सीक्रेट राजनयिक केबल (Secret Diplomatic Cable) का हवाला देते हुए बुधवार (9 अगस्त) को यह खुलासा किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राजनयिक केबल में 7 मार्च, 2022 को अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों और अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत के बीच एक बैठक का हवाला दिया गया है, जहां  यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर खान के रुख पर चर्चा की गई थी.


खान के मॉस्को दौरे से नाराज हो गया था अमेरिका
राजनयिक बैठक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के दो सप्ताह बाद हुई, जब खान मास्को जा रहे थे, खान की इस यात्रा ने वाशिंगटन को क्रोधित कर दिया था.


बैठक में दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के अमेरिकी सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने केबल में अपने पाकिस्तानी समकक्ष को बताया, ‘यहां और यूरोप में लोग इस बात को लेकर काफी चिंतित हैं कि पाकिस्तान (यूक्रेन पर) इतना आक्रामक तटस्थ रुख क्यों अपना रहा है.’


राजदूत असद मजीद खान ने जब यूक्रेन पर पाकिस्तान की स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की, तो लू ने जवाब दिया कि पीएम का व्यवहार ‘समस्याग्रस्त’ है, और कहा कि ‘यदि प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास मत सफल होता है, तो वाशिंगटन द्वारा सब माफ कर दिया जाएगा."


राजनयिक केबल के अनुसार लू ने धमकी देते हुए कहा, ‘अन्यथा, मुझे लगता है कि आगे बढ़ना कठिन होगा’. इसके साथ उन्होंने कहा कि यूरोप ‘प्रधानमंत्री (खान) को अलग-थलग’ करने में यूएस लीडरशिप का अनुसरण करेगा.


अमेरिका खान को बाहर करना चाहता था
दस्तावेज़ के अनुसार, पाकिस्तानी राजदूत ने आशा व्यक्त की कि रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा ‘हमारे द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित नहीं करेगा.’ लू ने कथित तौर पर उन्हें बताया कि नुकसान वास्तविक था लेकिन घातक नहीं था, और खान के चले जाने के बाद, संबंध सामान्य हो सकते हैं.


संयोग से, 2 मार्च की बैठक से दो दिन पहले, लू को रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत, श्रीलंका और पाकिस्तान की तटस्थता पर चर्चा करने के लिए सीनेट की विदेश संबंध समिति की सुनवाई में बुलाया गया था.


डेमोक्रेटिक सीनेटर क्रिस वान होलेन ने जब लू से युद्ध में रूस की भूमिका की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से दूर रहने के पाकिस्तान के हालिया फैसले के बारे में पूछा, तो अमेरिकी अधिकारी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री खान ने हाल ही में मास्को का दौरा किया है, और इसलिए मुझे लगता है कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री के साथ विशेष रूप से कैसे जुड़ना है.’


खान को पता था कि अमेरिका चाहता है कि वह पद छोड़ दें
गौरतलब है कि अपने पद से हटने के बाद से, पूर्व पीएम इमरान खान अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को प्रभावित करने के लिए अमेरिका को दोषी ठहराते रहे हैं. इसमें वह शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान और उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की भी भागीदारी की बात करते हैं.


सत्ता जाने के बाद खान ने अपनी राष्ट्रव्यापी रैलियों में लगातार उनकी सरकार के खिलाफ कथित अमेरिकी साजिश को उठाया.


खान ने इस साल की शुरुआत में एक इंटरव्यू में वीओए को बताया, ‘ यह एक वास्तविकता है. यह एक आधिकारिक बैठक थी [जिसने] दोनों पक्षों, डोनाल्ड लू, दक्षिण एशिया के अवर सचिव और पाकिस्तान के राजदूत के ने [बातचीत] शुरू की थी.’


हालांकि उन्होंने यह भी कहा, ‘यह अतीत की बात है; हमें आगे बढ़ना होगा. अमेरिका के साथ अच्छे संबंध रखना पाकिस्तान के हित में है और हम यही करना चाहते हैं.’