Israel-Hamas War News: वर्ल्ड सेंट्रल किचन (WCK) के संस्थापक जोस एन्ड्रेस (Jose Andres ) ने इजरायली सेना पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने दावा कि इजरायली फोर्सेज ने 'व्यवस्थित रूप से, कार-दर-कार' उनक टीम के काफिले को निशाना बनाया.


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बीबीस की रिपोर्ट के मुताबिक एन्ड्रेस ने कहा कि सोमवार का हमला, जिसमें उनके स्टाफ के सात सदस्य मारे गए, कोई गलती नहीं थी, यह सीधा हमला था. उन्होंने दोहराया कि इजरायली फोर्सेज को टीम की गतिविधियों के बारे में बता दिया गया था.


इजरायल के चैनल 12 समाचार को दिए इंटरव्यू में एन्ड्रेस ने कहा, 'यह वास्तव में स्पष्ट रूप से चिह्नित वाहनों पर सीधा हमला था जिनकी गतिविधियों को आईडीएफ [इज़राइल रक्षा बलों] में हर कोई जानता था.'


बता दें हमले में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, पोलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका के WCK कार्यकर्ताओं के साथ-साथ उनका एक फिलिस्तीनी सहयोगी मारा गया. इज़राइल का कहना है कि हमला एक 'गंभीर गलती' थी और उसने माफ़ी मांगी है. इसमें स्वतंत्र जांच का भी वादा किया गया है.


संगठन के अनुसार, दीर अल-बलाह गोदाम से निकलते समय सहायता काफिले पर हमला किया गया, 'जहां टीम ने समुद्री मार्ग से गाजा में लाई गई 100 टन से अधिक खाना उतारा था.'


काफिला तीन वाहनों से बना था, जिनमें से दो बख्तरबंद थे, जिन पर संगठन का लोगो स्पष्ट रूप से लगा था. हमले की चपेट में तीनों कारें आईं.


मृत WCK कार्यकर्ताओं में से छह के शवों को स्वदेश भेजने के लिए गाजा से मिस्र ले जाया गया है. उनके फिलिस्तीनी सहयोगी को मंगलवार को दक्षिणी गाजा के राफा में उनके गृहनगर में दफनाया गया.


गाजा पट्टी को मानवीय सहायता पहुंचाने पर अब सवाल खड़े हो गए हैं क्योंकि इलाके में मदद पहुंचा रहे एक प्रमुख प्रदाता WCK ने अपना अभियान निलंबित कर दिया है.


अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमले की निंदा की है और इजरायल पर सहायता कर्मियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया है.


मारे गए सहायता कर्मियों में से तीन ब्रिटिश नागरिक थे. एक पोलिश नागरिक, एक भारतीय मूल की ऑस्ट्रेलियाई महिला, एक फ़िलिस्तीनी और एक अमेरिकी-कनाडाई नागरिक थे.