China News: चीन, जो कभी दुनिया की आर्थिक महाशक्ति था, अब एक बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. संपत्ति क्षेत्र पर अत्यधिक निर्भरता, बढ़ता कर्ज, अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार संघर्ष, वृद्ध होती आबादी और शी जिनपिंग के ‘साझा समृद्धि’ दिशा-निर्देशों के तहत भ्रष्टाचार पर सरकारी कार्रवाई - इन सभी ने चीनी अर्थव्यवस्था के लिए एक तूफान पैदा कर दिया है.


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जॉब मार्केट की चुनौतियां
चीन का जॉब मार्केट अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रहा है, आर्थिक चुनौतियों के बीच रिकॉर्ड संख्या में ग्रेजुएट वर्कफोर्स में प्रवेश कर रहे हैं. कोविड-19 महामारी ने स्थिति को और खराब कर दिया है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नौकरियां चली गई हैं और नियुक्तियां रुक गई हैं.


मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री, कभी एक प्रमुख रोजगार देने वाला क्षेत्र था. अब ग्लोबल सप्लाई चीन में रुकावट और बढ़ती श्रम लागतों से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इसके चलते कंपनयियां को ऑपरेशन को ऑटोमैट या ट्रांसफर करने के रास्ते अपना रही हैं.


टेक और रियल एस्टेट सेक्टर का हाल
टेक सेक्टर जो नौकरी चाहने वालों के लिए उम्मीद की किरण था,  भी मंदी का सामना कर रहा है. अलीबाबा और टेनसेंट जैसी प्रमुख कंपनियां बड़ी संख्या में छंटनी कर रही हैं. रियल एस्टेट बाजार, जो आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण चालक है, ऋण संकट से बाधित है, जिससे नौकरी का संकट और भी बढ़ गया है.


चीनी सरकार ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार किया है और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए उपाय लागू किए हैं. इसमें नए ग्रेजुएट्स को नियुक्त करने वाली कंपनियों के लिए टैक्स इनिशिएटिव प्रदान करना और उद्यमिता को प्रोत्साहित करना. हालांकि, आगे की राह चुनौतीपूर्ण बनी हुई है.


चीनी समाज के ताने-बाने के लिए चुनौती
इस संकट के सांस्कृतिक आयाम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. ऐसे समाज में जहां रोजगार का सामाजिक स्थिति और आत्म-सम्मान से गहरा संबंध है,  बेरोजगारी का असर आर्थिक कठिनाई से कहीं आगे तक फैले हुए हैं. बेरोज़गारी का मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रभाव, विशेष रूप से युवाओं के बीच, चीनी समाज के ताने-बाने के लिए एक बड़ी चुनौती है.


35 का अभिशाप क्या है?
‘35 का अभिशाप’ दरअसल आयु भेदभाव को कहा जाता है कि जिसका सामना चीनी प्रोफेशनल को 35 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद करना पड़ता है. कंपनियां अक्सर 35 वर्ष की आयु सीमा तय कर देती हैं,  जिससे सीनियर कर्मचारियों के लिए नौकरी पाना और उसे बनाए रखना मुश्किल हो जाता है क्योंकि युवा उम्मीदवारों की तुलना में उनके अनुभव को कम आंका जाता है.


मध्यम आयु वर्ग के प्रोफेशनल कर रहे संघर्ष
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की आर्थिक मंदी के मद्देनजर, कई मध्यम आयु वर्ग के प्रोफेशनल ने बढ़ती उम्र के भेदभाव के बीच अपने करियर को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.


शेन्जेन के एक मध्यम आयु वर्ग के प्रोफेशनल जिम जियाओ ने बिक्री मैनेजर के रूप में विदेश में नौकरी हासिल की, जिससे चीन की टेक इंडस्ट्री में कई लोगों को परेशान करने वाले ‘35 के अभिशाप’ का मुकाबला किया जा सका.


35 का श्राप क्यों मायने रखता है
चीन में महामारी के बाद की आर्थिक मंदी ने वर्कफोर्स में आयु के आधार पर भेदभाव को बढ़ा दिया है, कई कंपनियों ने 35 वर्ष की आयु पर ही नियुक्ति रोक दी है.


जियाओ की विदेश में नौकरी न केवल व्यक्तिगत सफलता का प्रतिनिधित्व करती है, बल्कि घरेलू मांग कम होने के कारण विदेशों में अवसर तलाशने वाले चीनी प्रोफेशनल के बढ़ते ट्रेंड को भी उजागर करती है.


बड़ी तस्वीर
चीनी कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों-ऑटोमोटिव, ई-कॉमर्स, ऑनलाइन गेम और मैन्यूफैक्चरिंग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार कर रही हैं.


यह ‘वैश्विक स्तर पर जाने’ का चलन जियाओ जैसे अनुभवी पेशेवरों के लिए जीवन रेखा है.


SCMP रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल के पहले पांच महीनों में चीन का गैर-वित्तीय आउटबाउंड प्रत्यक्ष निवेश (ओडीआई) 60.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव भागीदार देशों में महत्वपूर्ण निवेश शामिल है.


एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
मानव संसाधन सलाहकार गाओ ज़ेंडॉन्ग ने SCMP को बताया, ‘चीनी कंपनियों का विदेशों में विस्तार कई मध्यम आयु वर्ग के प्रोफेशनल के करियर के लिए जीवन रक्षक रहा है.’ उन्होंने कहा कि युवा चीनी ग्रेजुएट के पास विदेशी भूमिकाओं के लिए आवश्यक व्यापक अनुभव की कमी है, जो अनुभवी प्रोफेशनल को अधिक मूल्यवान बनाता है.


जियाओ ने अपनी राहत साझा करते हुए कहा, ‘2018 में मेरा 35 वर्ष की आयु में मेरा अंतिम वेतन मेरे द्वारा अर्जित वेतन का 60 प्रतिशत रह गया. अब यह विदेशी नौकरी मुझे 2018 में मेरे द्वारा अर्जित वेतन का 75 प्रतिशत प्रदान करती है, मैं इससे काफी खुश हूं.’


फायदे के साथ चुनौतियां
विदेशी नौकरियां कई फायदे देती हैं लेकिन वे महत्वपूर्ण चुनौतियों के साथ भी आती हैं. परिवार से अलग होना एक बड़ा मुद्दा है.  कुछ हीं कंपनियां हैं जो लाइफ पार्टनर और बच्चों को साथ ले जाने की लागत को वहन करती हैं.


इसके अलावा, भू-राजनीतिक संबंधों में बदलाव कुछ क्षेत्रों में नौकरी की स्थिरता और बिजनेस डेवलपमेंट को प्रभावित कर सकता है.


विदेशी अनुभव वाले बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर लियू चेन ने कहा, ‘उदाहरण के लिए, फिलीपींस और रूस में अधिकांश निजी [चीनी] फर्मों के लिए बिजनेस डेवलपमेंट हाल ही में धीमा हो गया है.’


आगे क्या हो सकता है?
जैसे-जैसे ‘वैश्विक होने’ का चलन जारी है, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अनुभवी चीनी पेशेवरों की मांग बढ़ने की संभावना है. हालांकि, इन अवसरों की स्थिरता विदेशों में चीनी कंपनियों के प्रदर्शन और भू-राजनीतिक परिदृश्य पर निर्भर करेगी.


जियाओ सतर्क रूप से आशावादी बने हुए हैं, लेकिन आगे की संभावित अनिश्चितताओं के बारे में जानते हैं.


Photo courtesy- Reuters