Who is Wikileaks Founder Julian Assange: विकिलीक्स के फाउंडर जूलियन असांजे एक बार फिर अमेरिका प्रत्यर्पित होने से बच गए हैं. ब्रिटेन की एक अदालत ने मंगलवार को कहा कि जब तक अमेरिका इस बात की गारंटी नहीं देता कि वह जूलियन असांजे को मृत्युदंड नहीं देगा, तब तक जूलियन असांजे को जासूसी के आरोपों में प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता. लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे विकिलीक्स फाउंडर के लिए इसे आंशिक जीत माना जा रहा है. 


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अभी जारी रहेगी कानूनी लड़ाई


ब्रिटिश हाई कोर्ट के 2 जजों की बेंच की खंडपीठ ने कहा कि जब तक अमेरिकी अधिकारी इस बारे में और आश्वासन नहीं देते कि असांजे (52) के साथ क्या किया जाएगा, तब तक वे उन्हें (असांजे को) राहत प्रदान करेंगे. इस निर्णय का यह मतलब है कि एक दशक से अधिक पुराना यह कानूनी प्रकरण जारी रहेगा. 


न्यायाधीश विक्टोरिया शार्प और जेरेमी जॉनसन ने कहा कि यदि अमेरिका कोई आश्वासन नहीं देता है तो वे असांजे को प्रत्यपर्ण के खिलाफ उन आधारों पर अपील की अनुमति देंगे, जिनमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन सहित उन्हें मृत्युदंड दिया जा सकना शामिल है. 


मामले में अब 20 मई को होगी सुनवाई


उन्होंने कहा, ‘यदि आश्वासन नहीं दिए जाते हैं तो हम आगे सुनवाई किये बिना अपील करने की अनुमति देंगे.’ न्यायाधीशों ने कहा कि यदि आश्वासन दिए जाते हैं तो हम दोनों पक्षों को अंतिम फैसला करने से पहले आगे की दलील पेश करने का अवसर देंगे. न्यायाधीशों ने कहा कि यदि अमेरिका दलीलें पेश करता है तो 20 मई को सुनवाई की जाएगी. हालांकि, अमेरिकी न्याय विभाग ने मंगलवार को टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. 


पिछले महीने हाईकोर्ट में हुई दो दिनों की सुनवाई के दौरान असांजे के वकील एडवर्ड फिजराल्ड ने कहा था कि अमेरिकी अधिकारी, असांजे को दंडित करने के लिए उन्हें प्रत्यर्पित करने की मांग कर रहे हैं. अमेरिका की सरकार ने कहा है कि असांजे ने गोपनीय सरकारी दस्तावेज चोरी एवं प्रकाशित किए, जिसने बेकसूर लोगों के जीवन को जोखिम में डाला.


कौन हैं जूलियन असांजे?


जूलियन असांजे आस्ट्रेलिया के कंप्यूटर स्पेशलिस्ट हैं. वर्ष 2010 में विकिलीक्स के जरिए हजारों गोपनीय दस्तावेज प्रकाशित करने के आरोपों में अमेरिका उन पर मुकदमा चलाना चाहता है. असांजे की पत्नी और समर्थकों का कहना है कि एक दशक से अधिक समय की कानूनी लड़ाई के दौरान उन्हें (असांजे को) शारीरिक और  मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है. 


कई सालों से झेल रहे परेशानी


अमेरिका में प्रत्यर्पित होने से बचने के लिए वे लंदन के इक्वाडोर के दूतावास में सात साल तक स्व-निर्वासन में रहे. इसके बाद से वे ब्रिटेन की राजधानी लंदन के बाहरी इलाके में बनी एक हाई सिक्योरिटी जेल में पिछले 5 सालों से बंद हैं. अब उनका भविष्य अमेरिका के जवाब पर तय करेगा. अगर अमेरिका उन्हें फांसी न देने का आश्वासन देता है तो ब्रिटेन उन्हें डिपोर्ट कर सकता है.