क्या 2026 के बाद खत्म हो जाएगी US-RUSSIA परमाणु हथियार नियंत्रण संधि, इसलिए उठा ये सवाल
Russia-US Relations: नवंबर 2022 में, नई START संधि (जो फरवरी 2026 में समाप्त होगी) के तहत निरीक्षणों को फिर से शुरू करने पर अमेरिका-रूस वार्ता, को अंतिम समय में बंद कर दिया गया था.
Nuclear Arms Control Treaty: रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव का कहना है कि मास्को द्वारा 2026 के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ न्यू स्टार्ट परमाणु हथियार नियंत्रण संधि को समाप्त करना ‘काफी संभव’ है. सोमवार को एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने यह बात कही.
आरआईए समाचार एजेंसी से बात करते हुए, रूस के उप विदेश मंत्री ने कहा, ‘यह काफी संभावित परिदृश्य है.‘
नवंबर 22 में रुक गई थी वार्ता
नवंबर 2022 में, नई START संधि (जो फरवरी 2026 में समाप्त होगी) के तहत निरीक्षणों को फिर से शुरू करने पर अमेरिका-रूस वार्ता, को अंतिम समय में बंद कर दिया गया था. दोनों पक्ष नई वार्ता के लिए एक सामान्य समय सीमा तय करने में विफल रहे हैं.
रूस ने कहा है कि यूक्रेन युद्ध में रूस को ‘रणनीतिक हार’ देने के लिए अमेरिका द्वारा किए गए प्रयासों के कारण परमाणु हथियार नियंत्रण समाप्त हो सकता है.
रूस और अमेरिका के पास परमाणु हथियारों का एक विशाल शस्त्रागार
रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों के पास परमाणु हथियारों का एक विशाल शस्त्रागार है जो 2011 की नई START संधि द्वारा आंशिक रूप से सीमित किया गया है. यह स्पष्ट नहीं है कि 4 फरवरी, 2026 के बाद क्या होगा, हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस के साथ फोलो-ऑन एग्रीमेंट पर पहुंचने की इच्छा का संकेत दिया है.
रूस के शीर्ष हथियार नियंत्रण राजनयिक रयाबकोव ने अमेरिका पर रूस के हितों की अनदेखी करने और हाल के वर्षों में हथियार नियंत्रण के ढांचे को खत्म करने का आरोप लगाया.
रयाबकोव ने आरआईए से बात करते हुए कहा, ‘न्यू स्टार्ट इसका शिकार हो सकता है. हम इस तरह के परिदृश्य के लिए तैयार हैं.’ उन्होंने आगे कहा, ‘शस्त्र नियंत्रण सहित सुरक्षा के क्षेत्र में पूरी स्थिति को रूस पर रणनीतिक हार के लिए अमेरिकी लाइन द्वारा बंधक बना लिया गया है. हम अपने निपटान में सभी तरीकों और साधनों का उपयोग करके इसका सबसे मजबूत संभव तरीके से विरोध करेंगे.‘
वाशिंगटन के लिए ये चेतावनी
उप विदेश मंत्री द्वारा की गई टिप्पणियों में वाशिंगटन के लिए एक चेतावनी शामिल है कि वह यूक्रेन को जो सैन्य समर्थन प्रदान कर रहा है, वह शीत युद्ध के बाद की द्विपक्षीय हथियार नियंत्रण संधि की समाप्ति का कारण बन सकता है.
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