NASA New Aircraft: दुनिया में अपना रुतबा बनाने के लिए सभी देशों के बीच दौड़ जारी है. इस दौड़ में आगे बने रहने के लिए सभी देश एक से बढ़कर एक नायाब आविष्कार कर रहे हैं. इस दौड़ में आगे निकलते हुए अमेरिका ने अब दुनिया में सबसे तेज गति से उड़ने वाले विमान के निर्माण का दावा किया है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का कहना है कि उसने X-59 नाम से ऐसा सुपरसोनिक विमान बना लिया है, जो 2 घंटे के अंदर दुनिया के एक छोर से दूसरे छोर तक आसानी से पहुंच सकता है. 


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दुनिया का सबसे तेज गति से उड़ने वाला विमान


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नासा के लिए इस सुपरसोनिक विमान (World Fastest Plane) का निर्माण अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने किया है. इस विमान का निर्माण क्वाइट सुपरसोनिक टेक्नोलॉजी से किया गया है. इस सुपरसोनिक विमान को 'सन ऑफ कॉनकॉर्ड' (Son Of Concorde) भी कहा जा रहा है. कंपनी का दावा है कि यह दुनिया का सबसे तेज गति से उड़ने वाला विमान है. 


पहले ट्रायल रन के लिए हो रहा तैयार


न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक नासा (NASA) की ओर से विकसित सुपरसोनिक X-59 विमान (X-59 Aircraft) अब अपने पहले ट्रायल रन के लिए तैयार हो रहा है. एजेंसी का कहना है कि सामान्य विमान से सिडनी से लंदन जाने में 22 घंटे का वक्त लगता है. इस विमान के जरिए उस दूरी को महज 2 घंटे में पूरा किया जा सकेगा. इसी तरह 15 घंटे की हवाई दूरी को महज 39 मिनट में पूरा किया जा सकेगा. 


पुराने सुपरसोनिक पर क्यों लगी रोक?


बताते चलें कि दुनिया का पहला सुपरसोनिक विमान (World Fastest Plane) कॉनकॉर्ड आज से करीब 20 साल पहले अमेरिका में लॉन्च हुआ था. उस वक्त उस विमान की स्पीड 2172 किमी प्रति घंटा थी और वह महज 3 घंटे के अंदर लंदन से न्यूयार्क जा सकता था. हालांकि बाद में एक हादसा होने पर इस सुपरसोनिक विमान (X-59 Aircraft) की उड़ान पर रोक लगा दी गई और यह बैन आज भी जारी है. 


एलन मस्क भी दौड़ में पीछे नहीं


इस घटना के बाद अब दुनिया का सबसे तेज उड़ने वाला विमान (World Fastest Plane) लॉन्चिंग के लिए तैयार हो रहा है, जिसे सन ऑफ कॉनकार्ड कहा जा रहा है. नासा का कहना है कि यह विमान (X-59 Aircraft) कॉनकार्ड की तुलना में छोटा होगा. यह लगभग 1500 किलोमीटर प्रत‍िघंटे की रफ्तार से उड़ान भरेगा. नासा के अलावा बिजनेसमैन एलन मस्क भी दुनिया के सबसे तेज उड़ने वाले विमान पर काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि स्पेसएक्स कंपनी की ओर से बनने वाला विमान 100 यात्रियों को लेकर एक घंटे में एक महाद्वीप से लेकर दूसरे महाद्वीप तक जा सकेगा.