Baba Vanga world war 3 prediction: रूस और यूक्रेन की बीच जारी जंग किसी परिणाम पर पहुंचती नहीं दिख रही. दोनों देश एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं. 24 फरवरी 2022 को इस युद्ध की शुरुआत ने दुनिया को हिलाकर रख दिया था. जंग की शुरूआत के बाद से यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कभी कीव को नहीं छोड़ा. रूस के हमले के बाद अमेरिका ने जेलेंस्की को बाहर निकालने का प्रस्ताव भी दिया लेकिन जेलेंस्की कीव में डटे रहे. लेकिन अब जेलेंस्की जो कदम उठाने जा रहे हैं, उससे कुछ अलग ही संकेत मिल रहे हैं. साफ शब्दों में कहें तो दुनिया एक बार फिर विश्व युद्ध की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है. अगर भविष्यवक्ता बाबा वेंगा की बात करें तो उन्होंने बरसों पहले 2023 में विश्व युद्ध की भविष्यवाणी कर दी थी.


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जेलेंस्की की अमेरिका यात्रा


रूस से युद्ध शुरू होने के बाद लगभग 300 दिन बाद जेलेस्की ने यूक्रेन से उड़ान भरी है. जेलेंस्की की मंजिल रूस के कट्टर दुश्मन अमेरिका की धरती थी. जेलेंस्की की अमेरिका यात्रा ने दुनिया में फिर से खतरे की घंटी बजा दी है. जेलेंस्की की अमेरिका यात्रा के बाद कई सवाल लोगों को परेशान कर रहे हैं. जैसे.. क्या यूक्रेन वॉर ज़ोन में  थर्ड स्टेज में पहुंचने वाली है? ज़ेलेंस्की अमेरिका से क्या क्या हासिल करेंगे जो वॉर ज़ोन में रूस की मुश्किल बढ़ाएगा? बार-बार परमाणु धमकी देने वाले पुतिन इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे?


रूस और चीन का युद्धाभ्यास


ज़ेलेंस्की की अमेरिका यात्रा की खबर साथ-साथ आज से शुरू रूस और चीन का युद्धाभ्यास. और यूक्रेन बॉर्डर पर रूस-बेलारूस की वॉर एक्सरसाइज़ क्या सबसे बड़े धमाका का रिहर्सल है? ज़ेलेंस्की के अमेरिका पहुंचने से पहले पुतिन के बेहद करीबी नेता ने बीजिंग जाकर शी जिनपिंग से क्या बात की? ज़ेलेंस्की की अमेरिका यात्रा की टाइमिंग क्यों दुनिया को बारूदी लग रही है? आइये इन सारे सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं...


पहली बार जेलेंस्की बाहर निकले


अब तक रूस से वॉर के दौरान ज़ेलेंस्की को समर्थन देने. ज़ेलेंस्की से मिलने दुनिया के कई देशों के नेता कीव पहुंचे हैं. लेकिन पहली बार ज़ेलेंस्की बाहर निकले हैं. लेकिन रूस की खुफिया एजेंसियों की तरफ से संभावित ख़तरे को देखते हुए ज़ेलेंस्की की यात्रा को काफी गोपनीय रखा जा रहा है. जब खुद इतना ख़तरा उठाकर ज़ेलेंस्की अमेरिका पहुंचने वाले हैं तो माना जा रहा है वो यूक्रेन का दर्द और आज़ादी की लड़ाई दोनों ही मुद्दों पर खुलकर बोलेंगे. ऐसे में लोकतंत्र समर्थक अमेरिका यूक्रेन के लिए अपनी तिजोरी और हथियारों के भंडार को खोल सकता है. चलिए अब आप समझिए अमेरिका में क्या क्या दर्द बयान कर सकते हैं ज़ेलेंस्की और बदले में उन्हें क्या क्या मिल सकता है. 


अमेरिका जेलेंस्की के समर्थन में


ज़ेलेंस्की को पैट्रियट डिफेंस सिस्टम मिलने की पूरी संभावना है. इसकी गिनती दुनिया के सबसे घातक एयर डिफेंस सिस्टम में होती है. ज़ेलेंस्की बहुत दिनों से रूस के मिसाइल हमलों से बचने के लिए इसकी डिमांड कर रहे थे. यूक्रेन को पैट्रियट मिलने का मतलब रूस को बहुत बड़ा झटका साबित होगा. ज़ेलेंस्की की यात्रा के दौरान इसका एलान हो सकता है. जिसके संकेत अमेरिका ने पहले ही दे दिए थे. पेंटागन प्रेस सेक्रेटरी जनरल पैट राइडर ने भी कहा था कि हम लचीले बने रहेंगे और हम यह सुनिश्चित करने के लिए यूक्रेन के साथ काम करना जारी रखेंगे कि उन्हें वह मिल रहा है जिसकी उन्हें जरूरत है.


ग्लोब के दूसरे कोने में बहुत कुछ चल रहा..


इससे पहले ज़ेलेंस्की ने अमेरिका से एफ 16 फाइटर जेट भी मांगे थे. लेकिन अमेरिका ने तब रूस पर हमला करने में सक्षम हथियार यूक्रेन को देने से इनकार किया था. लेकिन अपनी जान की बाज़ी लगाकर अमेरिका पहुंचे ज़ेलेंस्की को अगर एफ 16 के लिए हां बोलता है तो पुतिन का गुस्सा सारे बांध तोड़ सकता है. जिसका परिणाम परमाणु सुनामी के तौर पर भी सामने आ सकता है. ज़ेलेंस्की के अमेरिका पहुंचने से पहले ग्लोब के दूसरे कोने में बहुत कुछ ऐसा चल रहा है जिससे संकेत मिल रहे हैं आने वाला वक्त दुनिया के लिए बहुत अच्छा नहीं है. ज़ेलेंस्की के अमेरिका में कदम रखने से पहले बीजिंग से आई एक तस्वीर ने यूक्रेन, नेटो और अमेरिका तीनों की टेंशन बढ़ा दी है.


युद्धाभ्यास वर्ल्ड वॉर की प्रैक्टिस?


पुतिन के बेहद खास..दो बार रूस के प्रधानमंत्री रह चुके और यूक्रेन वॉर के दौरान रशिया सिक्योरिटी काउंसिल के डिप्टी चेयरमैन दिमित्री मेडवेदेव पुतिन का खास संदेश लेकर बीजिंग पहुंचे. उन्होंने सीधे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच दूसरे मुद्दों के साथ साथ यूक्रेन वॉर पर लंबी बात हुई है. वहीं, दोनों देश युद्धाभ्यास में युद्धपोत और पनडुब्बियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. कई जानकार इस युद्धाभ्यास को वर्ल्ड वॉर की प्रैक्टिस भी मान रहे हैं.


ख़तरा सिर्फ इतना नहीं है..


बता दें कि रूस और चीन का युद्धाभ्यास ईस्ट चाइना सागर में चल रहा है. इस इलाके में अमेरिकी युद्धपोत भी तैनात हैं. अमेरिका के सहयोगी देश साउथ कोरिया, जापान और ताइवान से भी ये इलाका नज़दीक है. अमेरिका यहां पर जापान और साउथ कोरिया के लिए एक्टिव है. ऐसे में अब रूस और चीन मिलकर यहां अमेरिका और सहयोगियों पर संभावित हमले की प्रैक्टिस कर रहे हैं. लेकिन ख़तरा सिर्फ इतना नहीं है. इसी इलाके के पास सिर्फ एक दिन पहले अमेरिका और साउथ कोरिया मिलकर अपनी आसमानी ताकत दिखा चुके हैं.


भड़क रहे युद्ध के शोले


कुल मिलाकर यूक्रेन वॉर ज़ोन के बाद इस पूरे इलाके में भी टेंशन हाई है. क्योंकि यहां भी रूस-चीन और अमेरिका जैसी महाशक्तियां लोकल खिलाड़ियों के साथ युद्ध के शोले भड़काने को मौजूद हैं. इधर आग में घी डालने का काम ताइवान की तरफ से भी हो रहा है. चीन जो ताइवान के नेताओं के दूसरे देश के नेताओं से मिलने के बाद आग बबूला हो जाता है. उसने भी चीन को बुरी तरह चिढ़ा दिया है. ताइवान की राष्ट्रपति सई इंग वेन ने यूरोपियन यूनियन और अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं से ताइपे में मुलाकात की. और ताइवान को हथियारों की बिक्री के लिए अमेरिका को धन्यवाद भी कहा. ऐसे में साफ संकेत मिल रहे हैं कि ज़ेलेंस्की की अमेरिका यात्रा के नतीजे काफी घातक भी हो सकते हैं.


क्या कहा था बाबा वेंगा ने?


बाबा वेंगा ने 2023 में विश्व युद्ध 3 की भविष्यवाणी बरसों पहले कर दी थी. जेलेंस्की की अमेरिका यात्रा और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बार-बार परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की चेतावनी.. बाबा वेंगा की भविष्यवाणी के सच होने की संभावना बढ़ गई है. बाबा वेंगा के मुताबिक 2023 में तीसरा विश्व युद्ध छिड़ सकता है.


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