नई दिल्ली: Ganesh Chaturthi 2023: इसी महीने 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी है. देशभर में अभी से इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. गणेश उत्सव के दौरान पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ गणपति की पूजा करते हैं, उन्हें स्वादिष्ट व्यंजन चढ़ाए जाते हैं. हालांकि, वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि गणेश चतुर्थी पर भगवान गणपति की एक विशेष प्रतिमा लानी चाहिए, जिससे आपको लाभ हो. आइए, जानते हैं कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर आपको गणपति जी की कैसी मूर्ति स्थापित करनी चाहिए. 


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गणेश जी बैठे या लेटे हों 
वास्तु शास्त्र कहता है कि गणेश जी की ललितासन वाली मूर्ति खरीदनी चाहिए. इसका मतलब है कि गणेश जी की बैठी हुई मुद्रा की मूर्ति सबसे शुभ मानी जाती है. इसके अलावा यदि गणेश जी लेटे हैं, तो वह मूर्ति भी आपको सुख व समृद्धि ही देगी. 


इस रंग की लाएं मूर्ति
वास्तु शास्त्र बताता है कि घर में गणपति बप्पा की लाल सिंदूर के रंग की ही प्रतिमा लानी चाहिए. इससे लोगों का आत्मविश्वास बढ़ जाता है. घर में शांति स्थापित करने के लिए गणेश की सफेद मूर्ति लगाई जाती है.  


सूंड बाईं ओर हो
मूर्ति खरीदते समय गणेश जी की सूंड की दिशा का ध्यान भी रखना चाहिए. यदि गणपति जी की सूंड बाईं ओर है, तो यह आपके लिए शुभ है. जबकि गणेश जी की सूंड दाईं ओर झुकी है तो उन्हें खुश करना काफी मुश्किल होता है. 


मूषक और मोदक हो
वास्तु के अनुसार, गणेश जी की जिस मूर्ति में वे हाथों में मोदक लिए बैठे हैं और पास में मूषक है, तो यह शुभ मानी जाती है. इसके पीछे की वजह यह है कि गणेश जी का प्रिय भोजन मोदक है और प्रिय वाहन मूषक है. 


इस दिशा में करें मूर्ति स्थापित
गणेश जी की मूर्ति उत्तर दिशा में स्थापित कर चाहिए. इस दिशा में मां लक्ष्मी और शिव जी भी वास करते हैं. साथ ही मूर्ति का मुख घर के मुख्य द्वार की ओर होना जरूरी है.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


 


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