नई दिल्ली. आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को बड़े-बड़े नाखुनों वाले सेर और चीतों से सावदान रहना चाहिए. इसके अलावा विशाल नदियों बड़े बड़े सिंग वाले पशुओं, शास्त्र धारण करने वाले लोगों, स्त्रियों तथा राजा से संबंधिक कुल वाले व्यक्तियों पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए.


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नखीनां  च  नदीनां  च  श्रृंगीणां  शस्त्रपाणिणां।
विश्वासो  नैव  कर्तव्यः  स्त्रीषु  राजकुलेषु  च।।


आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बड़े-बड़े नाकुनों वाले हिंसक प्रणियों से हमेशा बचकर रहना चाहिए, न जाने वो कब आपपर हमला कर दें. जिन नदियों के तट पक्के नहीं होते उनपर इसलिए विश्वास नहीं किया जा सकता कि न जाने उनका वेग कब प्रचंड हो जाए और न जानें किधर बहना शुरू कर दें. इसलिए नदियों के किनारे रहने वाले लोग सदैव उजड़ते रहते हैं.


इन लोगों पर न करें भरोसा
चाणक्य नीति कहती है कि बड़े-बड़े सींग वाले पशुओं पर भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योकि न जाने कब उनका मिजाज बदल जाएं. जिसके पास तलवार आदि हथियार है, उनका भी भरोसा नहीं करना चाहिए. ऐसे लोग छोटी सी बात पर क्रोधित होकर कभी भी आप पर आक्रामक हो सकते हैं.


ऐसी महिलाओं से रहे दूर
चाणक्य के अनुसार चंचल स्वभाव वाली महिलाओं पर भी कभी विश्वास नहीं करना चाहिए. क्योकि ऐसी महिलाएं कभी भी अपनी चतुरता से आपके लिए प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा कर सकती हैं. इसके साथ ही राजा से संबंधित राजसेवकों और राजकुल के व्यक्तियों पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए वे कभी बी राजा का कानभरकर आपका अहित करवा सकते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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