पंचांग 17 सितंबरः आज है विश्वकर्मा जयंती, जानिए शनिवार का शुभ मुहूर्त, राहुकाल, नक्षत्र, योग और उपाय
Daily Panchang: आज दिन शनिवार और तारीख 17 सितंबर है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आज आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है. आज महत्वपूर्ण योग और नक्षत्र क्या है, शुभ मुहूर्त कब है, जब नया काम शुरू किया जा सकता है और राहु काल का वक्त कब है, जब कोई भी काम शुरू करने से बचना चाहिए, इन सभी बातों के बारे में बता रहे हैं आचार्य विक्रमादित्यः
Daily Panchang: आज दिन शनिवार और तारीख 17 सितंबर है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आज आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है. आज महत्वपूर्ण योग और नक्षत्र क्या है, शुभ मुहूर्त कब है, जब नया काम शुरू किया जा सकता है और राहु काल का वक्त कब है, जब कोई भी काम शुरू करने से बचना चाहिए, इन सभी बातों के बारे में बता रहे हैं आचार्य विक्रमादित्यः
साथ ही आचार्य से आज के पंचांग में व्रत और त्योहार, गुप्त मनोकामना पूरी करने के उपाय व भविष्यवाणी के बारे में भी जानिए.
आज का पंचांग
आश्विन - कृष्ण पक्ष - सप्तमी तिथि - शनिवार
नक्षत्र- रोहिणी नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग- सिद्धि योग
चन्द्रमा का वृषभ के उपरांत मिथुन राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त- सर्वार्थ सिद्ध योग 12.20 तक
राहु काल- 09.19 बजे से 10.50 बजे तक
त्योहार- कालाष्टमी, कन्या संक्रांति, विश्वकर्मा जयंती
कालाष्टमी व्रत को काल भैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान शिव के रुद्रावतार बाबा काल भैरव की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भैरवनाथ भगवान भोलेनाथ के क्रोध से उत्पन्न हुए हैं.
काल भैरव का मतलब काल रूपी भय को हरने वाला होता है. जो भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी जाते हैं, उन्हें काल भैरव का दर्शन करना होता है. कहा जाता है कि उनके दर्शन के बिना बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूरा नहीं होता है.
कालाष्टमी के व्रत से कष्ट, दुख, भय, पाप और नकारात्मकता दूर हो जाती है. बाबा काल भैरव की पूजा करने से भय, कष्ट, दुख, पाप, नकारात्मकता आदि दूर होती है. कालाष्टमी व्रत को काल भैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान भैरव के भक्त उपवास रखते हैं और विधि-विधान से काल भैरव की पूजा-अर्चना करते हैं.
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए क्या करें?
एक मिट्टी के पात्र में दो तरह के साबूत अनाज और दूसरे मिट्टी के पात्र में दो तरह के पानी (नदी, कुआं) को रखकर आज गोधुली बेला में काले कपड़े से ढंककर बटवृक्ष की जड़ के पास अपनी मनोकामना को याद करते हुए रख दें. वापस लौटते समय मुड़कर नहीं देखें.
भविष्यवाणी- कन्या संक्रांति में सूर्य का प्रभाव दिखेगा. देश-दुनिया में सियासी वैमनस्य बढ़ेगा. नेता एक दूसरे पर दोषारोपन करेंगें. बड़ी हस्तियों की निजता भी प्रभावित होगी. दामन पर दाग लग सकते हैं.
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