नई दिल्लीः Devuthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर 2024 को रखा जाएगा. इस दिन हर्षण योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. इस योग में विष्णु जी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है. इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करना और भी लाभकारी माना जाता है. 


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दोनों की साथ में पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है. देवउठनी एकादशी से मंगलकार्य शुरू हो जाते हैं और इसके अगले दिन तुलसी विवाह किया जाता है. 


12 नवंबर को है देवउठनी एकादशी


ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के मुताबिक, इस साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर की शाम 6:46 मिनट पर होगी. इस तिथि की समाप्ति अगले दिन यानी 12 नवंबर को 4:14 मिनट पर होगी. उदयातिथि को देखते हुए इस साल देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर को ही रखा जाएगा.


क्यों मनाई जाती है देवउठनी एकादशी


माना जाता है कि देवउठनी एकादशी को भगवान श्रीहरि चार माह की गहरी निद्रा से उठते हैं. भगवान के सोकर उठने की खुशी में देवोत्थान एकादशी मनाया जाता है. इसी दिन से सृष्टि को भगवान विष्णु संभालते हैं. इसी दिन तुलसी से उनका विवाह हुआ था. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं.


परंपरा के अनुसार, देवउठनी एकादशी पर तुलसी जी का विवाह किया जाता है. इस दिन उनका शृंगार कर उन्हें चुनरी ओढ़ाई जाती है. उनकी परिक्रमा की जाती है. शाम के समय रोली से आंगन में चौक पूरा कर भगवान विष्णु के चरणों को कलात्मक रूप से अंकित करेंगी. रात को विधिवत पूजन के बाद सुबह भगवान को शंख, घंटा आदि बजाकर जगाया जाएगा और पूजा करके कथा सुनी जाएगी.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)


 


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