Dhan Yog in kundli दुनिया का हर व्यक्ति पैसा कमाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनता करता है. हालंकि इसमें से कुछ ही लोग सफलता पाने में कामयाब रहते हैं. ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे योग का जिक्र किया गया है, जिनका प्रभाव व्यक्ति को मालामाल बना देता है. अगर आपकी कुंडली में भी इस तरह का योग बन रहा है, तो यह आपको प्रसिद्धि, अपार धन, विलासिता और पद आदि प्रदान करता है. आज हम बात करने जा रहे हैं जन्म कुंडली में धन योग (Dhan Yog in Horoscope) की, जो कई योगों में बेहद खास है.


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किसी जातक की कुंडली में दो तरह के योग होते हैं. पहला शुभ योग और दूसरा अशुभ योग. यह दोनों योग किसी जातक के जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालते हैं. अगर आपकी कुंडली में ग्रह बृहस्पति और शुक्र अनुकूल स्थिति में हैं तो यह अपार धन और जीवन में सभी विलासिता का आशीर्वाद देते हैं. 


कैसे बनता है कुंडली मे धन योग
जन्म कुंडली के दूसरे घर को वित्त के घर के रूप में जाना जाता है और ग्यारहवां घर वित्तीय लाभ का घर है. यह दोनों घर मिलकर धन योग का निर्माण में अहम भूमिका निभाते है. इसके अलावा कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी एकादश भाव में और एकादश भाव का स्वामी द्वितीय भाव में हो तो धन योग का निर्माण होता है.


धन योग का प्रभाव
यदि लग्न का स्वामी 10वें भाव में हो तो जातक अपने माता-पिता से अधिक धनवान होता है. यदि जातक के 7वें भाव में मंगल या शनि और 11 वें भाव में केतु को छोड़कर कोई भी ग्रह हो तो जातक व्यापार से बहुत धन कमाता है. यदि दूसरे भाव का स्वामी 8 वें घर में है तो जातक अपनी कड़ी मेहनत और प्रयासों से समृद्ध बनता है. 7वें घर में शनि या मंगल होने पर जातक जुए और खेल के माध्यम से पैसा कमाता है.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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