Dwadashi Rice Benefits: एकादशी के अगले दिन चावल खाना होता है बेहद शुभ, फायदे जान हो जाएंगे खुश
Eating Rice After Ekadashi Benefits: एकादशी के दिन चावल खाना पाप माना जाता है, लेकिन अगले दिन द्वादशी पर चावल खाना फलदायी माना जाता है. ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि द्वादशी पर चावल खाना बहुत शुभ होता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चावल खाने वाले व्यक्ति के जीवन में चल रही सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं.
Dwadashi Rice Importance: हर एकादशी का हिंदुओं में बहुत महत्व होता है. इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. कई भक्त लक्ष्मी नारायण मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं. हर महीने दो एकादशी पड़ती हैं. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एकादशी का व्रत रखा जाता है. इसके कई नियम हैं जिनका पालन व्यक्ति को करना होता है. इसी तरह, पारण का समय मुख्य चीजों में से एक है जो एक निश्चित समय सीमा पर व्रत तोड़ने का नियम है. एकादशी का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है.
अगर आप सुबह जल्दी व्रत तोड़ने से चूक जाते हैं तो आपको हरि वासर (द्वादशी तिथि का पहला चौथाई समय) खत्म होने का इंतजार करना होगा, उसके बाद ही आप अपना व्रत तोड़ सकते हैं. व्रत शुरू करने से पहले व्रत रखने के सभी रीति-रिवाजों और तरीकों के बारे में पता होना चाहिए.
एकादशी व्रत कैसे तोड़ें?
ध्यान रहे कि आपको अपना व्रत केवल सात्विक भोजन जैसे फल, दूध से बने उत्पाद और सब्जियां खाकर तोड़ना चाहिए. व्रत तोड़ने के लिए चावल खाना सबसे जरूरी है, इसलिए आपको द्वादशी तिथि को चावल जरूर खाना चाहिए. सभी तामसिक भोजन और गतिविधियों से दूर रहना जरूरी है.
द्वादशी पर चावल खाना क्यों जरूरी है?
एकादशी के दिन चावल खाना पाप माना जाता है, लेकिन अगले दिन द्वादशी पर चावल खाना फलदायी माना जाता है. ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि द्वादशी पर चावल खाना बहुत शुभ होता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चावल खाने वाले व्यक्ति के जीवन में चल रही सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं और मनचाहा फल भी मिल सकता है.
द्वादशी पर पीले चावल खाना भी शुभ माना जाता है. इससे सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है और भगवान विष्णु की कृपा भी बनी रहती है. बताया जाता है कि एकादशी के अगले दिन चावल खाने से यश की प्राप्ति हो सकती है. इस दिन पीले चावल जरूर खाएं.
द्वादशी पर कड़ी चावल बना सकते हैं और भगवान विष्णु को इसका भोग लगाना चाहिए. इस दिन चावलों का दान भी शुभ माना जाता है. इससे शुभ अवसर मिलते हैं. द्वादशी तिथि को मान-सम्मान की प्राप्ति का दिन भी माना जाता है.
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