नई दिल्लीः Guru Purnima Vyas Purnima 2021: आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. भगवान विष्णु को समर्पित यह दिन उनके शयन पर चले जाने के बाद पड़ता है और यही वह तिथि होती है, जब महादेव शिव संसार के कल्याण का भार संभाल लेते हैं.
व्यास मुनि का हुआ था जन्म
महर्षि व्यास का जन्म होने के कारण इसे व्यास पूर्णिमा कहते हैं और वेद व्यास जी के जगतगुरु पद पर होने के कारण ही यह दिन गुरु पूर्णिमा कहलाता है. महर्षि व्यास महाभारत और गीता के रचनाकार हैं.
वेदों को विभाजित करने वाले मुनि हैं और पुराणों के लेखक के तौर पर प्रसिद्ध हैं. उन्होंने मानव कल्याण के लिए सबसे अचूक मंत्र दिया था कि किसी की भलाई करना पुण्य है और किसी को कष्ट देना पाप है.
अष्टादश पुराणेषु व्यासस्य वचनद्वयं,
परोपकाराय पुण्याय, पापाय परपीडनम्.
24 जुलाई मनेगी गुरु पूर्णिमा
हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है. साल 2021 में गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई को शनिवार के दिन मनाई जाने वाली है. हिन्दू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा की तिथि 23 जुलाई को सुबह 10 बजकर 45 मिनट से शुरू हो जाएगी.
इसके बाद 24 जुलाई को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा. ऐसे में गुरु पूर्णिमा का पर्व 24 जुलाई को मनाया जाएगा, क्योंकि इस दिन ही उदया तिथि है. सनातन परंपरा में कोई भी उत्सव सूर्य निकलने के साथ होने वाली तिथि को मनाए जाने का विधान है.
गुरु पूर्णिमा के दिन अपनाए जाने वाले उपाय
1. सनातन धर्म में पर्वों-त्योहारों पर दान किए जाने का महत्व है. भगवान बृहस्पति को सनातन धर्म में गुरु का दर्जा प्राप्त है.
2. आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए जरूरतमंद व गरीब लोगों को पीली मिठाई, पीले वस्त्र आदि दान में दें. इससे आपके जीवन से आर्थिक समस्याएं खत्म हो जाएंगी.
3. गुरु पूर्णिमा का दिन विशेष तौर पर गुरुओं को समर्पित होता है. ऐसे में इस दिन गुरुओं का आशीर्वाद लेना व उनको सम्मान देने से जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं. इस दिन घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने से भी विशेष फल प्राप्त होता है.
4. कुंडली में गुरु दोष हो तो गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने के बाद साफ व पीले रंग के वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु का ध्यान व विधि पूर्वक उनकी पूजा करनी चाहिए. इससे कुंडली में गुरु के द्वारा मिलने वाले नकारात्मक प्रभाव कम होंगे.
5. कार्य में बार-बार बाधा आती है तो सुबह-सुबह स्नान करने के बाद लक्ष्मी नारायण मंदिर जाकर भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए. भगवान लक्ष्मी नारायण को बीच से कटा हुआ गोल नारियल अर्पित करें और अपनी मनोकामनाएं कहें.
6. इस दिन आटे की पंजीरी बनाएं और भगवान को इसका भोग लगाएं. इसके बाद इसे प्रसाद के तौर पर घर के सदस्यों में वितरित कर दें.
7. गुरु पूर्णिमा के दिन घर के मुख्य द्वार व मंदिर पर दोनों ही तरफ स्वास्तिक का चिह्न बनाएं. इससे घर के सदस्यों के बीच प्यार बढ़ेगा और लड़ाई-झगड़े कम होंगे.
8. गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान बृहस्पति का स्मरण करते हुए ‘अच्युत अनंत गोविंद’ का 108 बार उच्चारण करें. इससे आपका मानसिक तनाव कम होगा.
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