Heramba Sankashti Chaturthi 2024: कब है हेरंब संकष्टी चतुर्थी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Heramba Sankashti Chaturthi 2024 Date: भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हेरंबा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. वहीं इसके शुक्ल पक्ष में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है.   

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Aug 21, 2024, 09:42 AM IST
  • चतुर्थी तिथि को रखा जाता है व्रत
  • गणेश जी का मिलता है आशीर्वाद
Heramba Sankashti Chaturthi 2024: कब है हेरंब संकष्टी चतुर्थी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नई दिल्ली: Heramba Sankashti Chaturthi 2024: सनातन धर्म में चतुर्थी का विशेष महत्व है. वहीं महादेव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने के लिए भी चतुर्थी तिथि को शुभ माना जाता है. प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को जीवन के विघ्न से मुक्ति पाने के लिए व्रत रखा जाता है. बता दें कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हेरंबा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. वहीं इसके शुक्ल पक्ष में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. 

हेरंब संकष्टी चतुर्थी 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त 
इस साल हेरंबा चतुर्थी 22 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा. इसका प्रारंभ दोपहर 1 बजकर 46 मिनट पर होगा. इसकी समाप्ति अगले दिन 23 अगस्त 2024 के सवेरे 10 बजकर 38 मिनट तक होने वाली है. हेरंब संकष्टी चतुर्थी का व्रत गुरुवार 22 अगस्त 2024 को किया जाएगा. संकष्टी व्रत चंद्रोदय का समय रात 08 बजकर 44 मिनट पर है. 

हेरंब संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
संकष्टि चतुर्थी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और भगवान गणेश को स्मरण करें.
इसके बाद मंदिर की सफाई करें फिर हाथ में जल रखकर व्रत का संकल्प लें और एक साफ चौकी स्थापित करें.
चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और उसपर गणेश भगवान की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें. 
गणेश जी का अभिषेक करें और पुष्प, गंध, धूप और घी के दिये से उनकी आरती करें. 
पूजा के दौरान गणेश जी के मंत्र और स्तोत्र का जप करें. आखिरी में एक आरती के साथ अपनी पूजा संपन्न करें.  
गणेश जी को मोदक, फल और मिठाई का भोग लगाएं. अंत में लोगों में प्रसाद बांटे

हेरंब संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व 
मान्यता है कि हेरंब संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने और गणेश जी की उपासना करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इससे जीवन में आ रही कठिनाईयों से भी मुक्ति मिल सकती है. यह भी माना जाता है कि चतुर्थी व्रत करने और दान-पुण्य करने से धन, ऐश्वर्य और आरोग्यता का आशीर्वाद मिलता है.  

इस मंत्र का जप करें 

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें. 

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