नई दिल्ली: गुरू पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो गुरुओं के सम्मान में मनाया जाता है.  ऐसा माना जाता है कि इस दिन गुरु का आशीर्वाद विशेष रूप से शक्तिशाली होता है, और वे शिष्य को आध्यात्मिक पथ पर आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं. गुरु पूर्णिमा से जुड़ी कोई विशिष्ट व्रत विधि (उपवास अनुष्ठान) नहीं है, लेकिन कई लोग अपने गुरुओं के सम्मान में इस दिन उपवास करना चुनते हैं।  आइए जानते है कैसे करे यह व्रत -


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1. व्रत सूर्योदय से सूर्यास्त तक या पूरे दिन रखा जा सकता है. सुबह उठकर  सूर्यदेव को जल चढायें.


2. सूर्योदय से पहले फल, मेवे और दूध उत्पादों का साधारण भोजन खा सकते हैं, और फिर पूरे दिन भोजन और पानी से परहेज करना चाहिए.  यदि आप डायबिटिज जैसी समस्या से ग्रसित है तो आप दिन में फल या मेवे जरूर खाये .


3. सूर्यास्त के बाद फल, मेवे और दूध उत्पादों के सादे भोजन से अपना उपवास तोड़े .


4. उपवास के दिन आप अपने गुरु की पूजा करे और उनका आशीर्वाद लेकर अपना व्रत शुरू करे .


5.  गुरु को उपहार, मिठाई और फूल चढ़ाकर भी उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करे.


6. इस दिन ध्यान करने, आध्यात्मिक ग्रंथ पढ़ने और मंत्रों का जाप करने में समय बिताए .


7. आपके घर के बडे बुर्जुगो का आर्शीवाद जरुर लें .


गुरु पूर्णिमा आध्यात्मिक साधकों के लिए अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर विचार करने और अपने आध्यात्मिक अभ्यास के लिए खुद को फिर से समर्पित करने .का भी एक अवसर है  ऐसा माना जाता है कि इस दिन गुरु का आशीर्वाद विशेष रूप से शक्तिशाली होता है, और वे शिष्य को आध्यात्मिक पथ पर आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं.


 


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