नई दिल्ली: हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष 4 अप्रैल (मंगलवार) को जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी की जयंती मनाई जाएगी. करीब 599 ईसा पूर्व भगवान महावीर स्वामी का जन्म बिहार के कुंडाग्राम में हुआ था. जो वैशाली जिले में स्थित है. बताया जाता है कि 30 वर्ष की आयु में ही महावीर स्वामी ने राज महल के सुख और आराम की जिंदगी को त्याग दिया था और सन्यास ले लिया था. आपको महावीर जयंती से जुड़ी कुछ अहम बातें और महावीर स्वामी के पंचशीत सिद्धांत के बारे में बताते हैं.


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महावीर स्वामी संयास लेने के बाद सत्य की खोज में निकल गए और जंगलों की ओर चले पड़े. उन्होंने जंगल में 12 वर्षों तक कठोर तपस्या की. उन्हें तपस्या के बाद ऋजुबालुका नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. लोगों के कल्याण और समाज सुधार के लिए भगवान महावीर स्वामी ने उपदेश भी दिए हैं.


महावीर स्वामी ने दिए थे ये पंचशील सिद्धांत
जीवन को बेहतर बनाने के लिए भगवान महावीर स्वामी ने लोगों को सिद्धांत बताएं हैं. जिसे पंचशील सिद्धांत ने नाम से जाना जाता है. ये पांच सिद्धांत हैं...


1). अहिंसा
2). अस्तेय
3). ब्रह्मचर्य
4). सत्य
5). अपरिग्रह


जानें क्या है महावीर जयंती का महत्व
जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर को लेकर लोगों में काफी श्रद्धा है. महावीर जयंती का दिन जैन धर्म के लोगों के लिए काफी अहम है. लोग इस दिन प्रभात फेरी निकालते हैं, शोभायात्रा निकालते हैं और अनुष्ठान करते हैं.


महावीर जयंती का शुभ मुहूर्त जानिए
पंचांग के अनुसार, 03 अप्रैल 2023 को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होगी. ये तिथि 04 अप्रैल 2023 को सुबह 08 बजकर 05 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदया तिथि 04 अप्रैल को प्राप्त हो रही है, इसलिए 04 अप्रैल को ही महावीर जयंती मनाई जाएगी. इस साल भगवान महावीर का 2621वां जन्मदिवस मनाया जाएगा.


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