नई दिल्लीः Navratri 2022 Day 4: नवरात्रि में प्रत्येक दिन शक्तिदात्री के अलग-अलग अवतारों की पूजा की जाती है. नवरात्र का चौथा दिवस मां कूष्मांडा की आराधना का दिन होता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी कूष्मांडा ने ही इस संसार की रचना की थी. यही कारण है कि इन्हें सृष्टि की आदिस्वरूपा और आदिशक्ति भी कहा जाता है.


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आदिशक्ति का चौथा स्वरूप है मां कूष्मांडा
मां के इस स्वरूप को सृष्टि के रचनाकार के रूप में भी जाना जाता है. आज के दिन मां कूष्मांडा का पूजन किया जाता है. यह मां आदिशक्ति का चौथा रूप हैं. उनका तेज सूर्य के समान ही माना जाता है.


मां कूष्मांडा के हाथों में है अमृत कलश
इस दिन मां के इस रूप की विशेष पूजा का बड़ा महत्व है. माना जाता है कि देवी के हाथ में जो अमृत कलश होता है, उससे वह अपने भक्तों को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करती हैं. मां कूष्मांडा के बारे में यह भी मान्यता है कि वह सिंह की सवारी करती हैं, जो धर्म का प्रतीक है. पूरे विधि-विधान से पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा के मंत्रों का जाप किया जाए तो वह बेहद प्रसन्न होती है और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं.


आज का पंचांग
अश्विन - शुक्ल पक्ष- चतुर्थी - गुरुवार
नक्षत्र - विशाखा नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग- विष्कुम्भ योग
 
चन्द्रमा का तुला के उपरांत रात्रि में वृश्चिक राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - 11.53 बजे से 12.40 बजे तक
राहु काल- 01.46 बजे से 03.15 बजे तक


त्योहार - नवरात्रि का चौथा दिन


गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
आज सायंकाल से पहले केले के पत्ते पर एक पीला फल, पीले रंग का कलावा, पीले रंग की मिठाई और थोड़ी सी चने की दाल भगवान विष्णु को अर्पित करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें.


आचार्य विक्रमादित्य की भविष्यवाणी
बुधोदय - विभिन्न क्षेत्रों में अतिवृष्टि होने के कारण मंदी का प्रभाव दिखेगा. काली मिर्च और चावल के दामों में तेजी आएगी.


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