Palm Jyotish: अगर हाथ की रेखाओं में बन रहा है ये योग, तो जातक में दिखते हैं ये अवगुण
अगर जातक के अंगूठे के नीचे शुक्र पर्वत होता है. अगर शुक्र पर्वत के आस-पास कई तिरक्षी और टूटी रेखाएं है तो जातक बहुत खर्च करने वाला होता है. वह अपनी विलासिता की पूर्ति के लिए जमा पूंजी भी खत्म कर देता है.
नई दिल्ली: किसी भी मनुष्य के जीवन में ग्रह-नक्षत्रों की चाल का बड़ा प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर दिन ग्रह-नक्षत्रों की चाल से मनुध्य के जीवन में कुछ बदलाव आते हैं.
आगे के जीवन में जातक का स्वभाव कैसा होगा, इसका अंदाजा जातक की हस्त रेखाओं से लगाया जा सकता है. आइए जानते हैं अगर आपके अंगूठे के नीचे शुक्र पर्वत है, तो जातक का जीवन कैसा होगा:
हस्त रेखा में ऐसे योग वाले जातक में होते हैं ये अवगुण
अंगूठे के नीचे शुक्र पर्वत होता है. अगर शुक्र पर्वत के आस-पास कई तिरक्षी और टूटी रेखाएं है तो जातक बहुत खर्च करने वाला होता है. वह अपनी विलासिता की पूर्ति के लिए जमा पूंजी भी खत्म कर देता है.
जमीन जायदाद तक बेच देता है. लेकिन वह अपनी इच्छाओं की पूर्ति जरूर करता है. ऐसे जातक के कई महिलाओं से भी संबंध होते है. स्वाभाविक तौर पर भी इसके विचार बहुत अच्छे नहीं होते. वह दुराचारी प्रवृति का होता है.
नजर दोष से बच्चों को बचाने के लिए करें ये उपाय
यह नजर दोष है. छोटे बच्चो को बहुत जल्दी नजर लगती है. क्योंकि उसका ओरा कमजोर होता है. पहला यह काम करें तो बच्चों को हर के गोद में नहीं दें. आपके बच्चे के प्रति किसकी नजर में क्या है. यह कोई नहीं जानता है. नजर का प्रभाव खत्म करने के लिए एक उपाय कर लीजिए. रात को बच्चे के सिरहाने के साथ, फूल वाला लॉग और एक तेजपत्ता कागज में लपेटकर रख दीजिए. सुबह उसे एंटीक्लॉक घूमाकर उसे घर से बाहर जला दीजिए. अच्छा रहेगा किसी मंदिर में हवन कुंड में डाल दीजिए. लेकिन इतना ध्यान रखें कि उस हवन कुंड कुछ जल रहा हो. क्योंकि उसके जलने पर ही नजर दोष का प्रभाव कम जो सकता है.
कुंडली में है ये योग, तो बनता है इंजीनियर बनने का प्रबल योग
इंजीनियरिंग के कारक मंगल और शनि है. इन ग्रहों का लग्न या लग्नेश, चतुर्थ भाव या चतुर्थेश, सप्तम भाव, सप्तमेश तथा दशम भाव, दशमेश एवं पंचमेश और नवम (भाग्य भाव) एवं नवमेश से शुभ संबंध होना अति आवश्यक है. यदि लग्न भाव से मंगल व शनि का संबंध हो तो जातक इंजीनियर होता है.
यदि मेष लग्न में यदि शनि चतुर्थ भाव में स्थित हो तथा मंगल का प्रभाव भी लग्न एवं दशम भाव पर हो तो जातक इंजीनियर होता है. मकर या कुंभ लग्न हो, दशम् या सप्तम भाव में मंगल स्थित हो तो जातक इंजीनियर होता है. यदि चतुर्थ भाव में शनि स्थित हो और उस पर केतु का प्रभाव हो अथवा चतुर्थ भाव में मंगल एवं केतु की युति हो, शनि सप्तम भाव में स्थित हो तो जातक इंजीनियर होता है.
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