नई दिल्ली: Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. कहते हैं इस दिन महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख शांति का आगमन होता है. हर महीने दो प्रदोष व्रत होते हैं. बता दें, प्रदोष के दिन लोग उपवास रखते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं. आइए जानते हैं, प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में:
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
इस माह का दूसरा प्रदोष व्रत फाल्गुन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 मार्च, 2024 दिन शुक्रवार को रखा जाएगा. प्रदोष काल 22 मार्च शाम 6 बजकर 17 मिनट से लेकर 8 बजकर 46 मिनट तक है. प्रदोष के पूजा मुहूर्त के आधार पर मार्च का अंतिम प्रदोष व्रत 22 मार्च को रखा जाएगा. व्रती को इस समय में ही शिव जी की पूजा करनी चाहिए.
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ लाल वस्त्र धारण करें. इस के बाद पूजा स्थान पर गाय के गोबर से चौक बनाकर उस पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें. दीप प्रज्वलित करें और धूप-दीप से भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें. इस के बाद शिव चालीसा, ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. भगवान शिव और माता पार्वती से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने का विशेष व्रत है. इस व्रत को रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और पापों का नाश होता है.
यह व्रत सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिलाता है. यह व्रत सुख, समृद्धि और सफलता प्रदान करता है.
प्रदोष व्रत के दिन इन नियमों का पालन करें
इस दिन मांस, मदिरा, तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. प्रदोष व्रत के दिन क्रोध, झूठ, चोरी आदि से बचना चाहिए. दान-पुण्य करना चाहिए.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZeeBharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.
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