नई दिल्ली. Shaniwar upay पीड़ित शनि व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की परेशानियों को पैदा करते हैं. यदि शनि मंगल ग्रह से पीड़ित हो तो यह जातकों के लिए दुर्घटना और कारावास जैसी परिस्थितियों का योग बनाते हैं. वहीं कुंडली में शनि देव अशुभ होने पर व्यक्ति को किस्मत का साथ नहीं मिलता है और जिंदगी भर परेशानियों से घिरा रहता है. साथ ही कोई न कोई रोग उसे घेरे रहते हैं.
शनि कौन से भाव में शुभ फल देता है?
शनि को दूसरे, तीसरे और सातवें से बारहवें भाव में अच्छा माना जाता है, जबकि पहले, चौथे, पांचवें और छठे भाव में शनि को अशुभ माना जाता है. सूर्य, चंद्रमा और मंगल इसके शत्रु हैं, शुक्र, बुध और राहु मित्र हैं और बृहस्पति और केतु इसके लिए तटस्थ हैं. शनि सातवें भाव में उच्च का होता है और पहला भाव नीच का होता है.
शनि दोष हटाने के लिए क्या करना चाहिए?
शनि देव को शांत करने के लिए दान और पूजन का विधान है. शनि की अनिष्टता निवारण के लिए शनिवार को शनि देव के मंदिर में तेल चढ़ाएं व दान करें. इसके अलावा काले तिल, काली उड़द, लोहा, काले वस्त्र, काली कंबल, छाता, चमड़े के जूते, काली वस्तुएं आदि. इसके अलावा शनि देव का व्रत रखने से भी शनि प्रसन्न होते हैं.
शनि देव को कौन सा रंग पसंद है?
अपने स्वयं के काले रंग का होने के कारण और काले रंग की उपेक्षा के कारण शनि देव को काला रंग अत्यंत प्रिय है. उनके पूजन में काली वस्तुओं जैसे काले तिल, काला चना तथा लोहे का ही प्रयोग होता है.
सात मुखी रुद्राक्ष करें धारण
शनिवार के दिन सात मुखी रुद्राक्ष को गंगाजल में धोकर धारण करें. मान्यता है ऐसा करने से सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं. शनिवार के दिन किसी भी चीज के बुरे फल को दूर करने के लिए काली चीजों जैसे उड़द की दाल, काला कपड़ा, काले तिल और काले चने को किसी गरीब को दान देने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है. इस दिन खुद काले रंग का परहेज करें. इससे घर में खुशहाली आती है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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