Muhurat: कब है शस्त्र पूजन और रावण दहन मुहूर्त? जानें- दशहरा पर कैसी होनी चाहिए आपकी दिनचर्या

What to do on Dussehra 2024: दशहरा के दिन लंकापति रावण और उसके भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाता है. पुतलों का दहन सही समय में किया जाए, तो ही शुभ माना जाता है. विजयदशमी के दिन यानी 12 अक्टूबर को पुतलों के दहन का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के समय शाम 05.45 से रात 08.15 तक होगा.

Written by - Dr. Anish Vyas | Last Updated : Oct 9, 2024, 03:48 PM IST
  • दशहरा 12 अक्तूबर 2024 को मनाया जाएगा
  • पुतलों का दहन सही समय में किया जाए
Muhurat: कब है शस्त्र पूजन और रावण दहन मुहूर्त? जानें- दशहरा पर कैसी होनी चाहिए आपकी दिनचर्या

Shastra Pujan Muhurat 2024: भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि दशहरा के दिन कई जगहों पर शस्त्र पूजा करने का भी विधान है. दशहरा के दिन शस्त्र पूजा विजय मुहूर्त में की जाती है. इस साल दशहरा पूजन के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 2:02 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 2: 48 तक रहेगा. मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 46 मिनट तक रहेगी.

दशहरा तिथि
-दशमी तिथि का आरंभ: 12 अक्तूबर प्रातः 10:58 मिनट पर
-तिथि का समापन: 13 अक्तूबर 2024, प्रातः 09:08 मिनट पर

व्यास ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, दशहरा 12 अक्तूबर 2024 को मनाया जाएगा.

रावण दहन मुहूर्त
भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि दशहरा के दिन लंकापति रावण और उसके भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाता है. पुतलों का दहन सही समय में किया जाए, तो ही शुभ माना जाता है. विजयदशमी के दिन यानी 12 अक्टूबर को पुतलों के दहन का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के समय शाम 05.45 से रात 08.15 तक होगा.

कई तरीकों से मनाया जाता है दशहरा
अनीष व्यास ने बताया कि अलग-अलग जगहों पर दशहरे का त्योहार अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. शस्त्र का प्रयोग करने वाले समुदाय इस दिन शस्त्र पूजन करते हैं. वहीं कई लोग इस दिन अपनी पुस्तकों, वाहन इत्यादि की भी पूजा करते हैं. किसी नए काम को शुरू करने के लिए यह दिन सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है. कई जगहों पर दशहरे के दिन नया सामान खरीदने की भी परंपरा है. अधिकतर जगहों पर इस दिन रावण का पुतला जलाया जाता है. वहीं जब पुरुष रावण दहन के बाद घर लौटते हैं तो कुछ जगहों पर महिलाएं उनकी आरती उतारती हैं और टीका करती हैं.

मांगलिक कार्यों के लिए यह दिन माना जाता है शुभ
कुण्डली विश्लेषक डॉ. व्यास ने बताया कि दशहरा या विजयादशमी सर्वसिद्धिदायक तिथि मानी जाती है. इसलिए इस दिन सभी शुभ कार्य फलकारी माने जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दशहरा के दिन बच्चों का अक्षर लेखन, घर या दुकान का निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन, यज्ञोपवीत संस्कार और भूमि पूजन आदि कार्य शुभ माने गए हैं. विजयादशमी के दिन विवाह संस्कार को निषेध माना गया है.

दशहरे के दिन क्या करें?
व्यास ने बताया कि दशहरे के दिन सुबह जल्दी उठकर, नहा-धोकर साफ कपड़े पहने और गेहूं या चूने से दशहरे की प्रतिमा बनाएं. गाय के गोबर से 9 गोले व 2 कटोरियां बनाकर, एक कटोरी में सिक्के और दूसरी कटोरी में रोली, चावल, जौ व फल रखें. अब प्रतिमा को केले, जौ, गुड़ और मूली अर्पित करें. यदि बहीखातों या शस्त्रों की पूजा कर रहे हैं तो उन पर भी ये सामग्री जरूर अर्पित करें. इसके बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा करें और गरीबों को भोजन कराएं. रावण दहन के बाद शमी वृक्ष की पत्ती अपने परिजनों को दें. अंत में अपने बड़े-बुजुर्गों के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें.

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