नई दिल्ली: चंद्र दर्शन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रहा है. धर्म ग्रंथों के अनुसार चंद्र दर्शन को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है और यही कारण है कि अमावस्या के बाद चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है. चंद्र दर्शन के दौरान चंद्र देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता के अनुसार अमावस्या के ठीक बाद चंद्रमा को देखना अत्यंत शुभ माना गयाा है. जो जातक अमावस्या तिथि पर पूरे दिन व्रत रखता है वह अगले दिन चंद्र दर्शन की रात चंद्रमा को देखकर ही भोजन करते हैं.


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चंद्र दर्शन का महत्व


हिंदू ग्रंथों के अनुसार, चंद्र दर्शन को पवित्रता, खुशी और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा ये भी माना जाता है कि नवग्रहों में से एक होने के कारण चंद्रमा पृथ्वी पर जीवन को भी प्रभावित करता है. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, कुंडली में चंद्र को मन का कारक माना गया है, ऐसे में कहा जाता है कि जिन जातकों का चंद्रमा सकारात्मक या उचित स्थान पर होता है, उनका जीवन सफल रहता है.


चंद्र दर्शन की पूजा विधि


मंत्रों के साथ शाम को विधिवत चांद की पूजा करें .


चंद्र देवता को रोली, फल और पुष्प आदि अर्पित करें.


चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना उपवास खोलें.


चंद्र देव को प्रसन्न करने के मंत्र


चंद्र दर्शन का पूजा मंत्र


क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात ..


बीज मंत्र


ऊॅँ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः


सुख-शांति और समृद्धि के लिए चंद्र दर्शन 


हिंदू धर्म में चंद्र दर्शन एक बहुत ही आवश्यक महत्व रखता है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन का एक धार्मिक महत्व है. इस विशेष दिन भगवान चंद्रमा की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ की जाती है. हिंदू धर्म के अनुसार इस विशेष दिन पर चंद्रमा का दर्शन करना बहुत ही फलदायी होता है. साथ-ही-साथ इसे भाग्यशाली और समृद्धि का घोतक भी माना जाता है. चंद्र दर्शन को हिंदू धर्म में भगवान चंद्रमा की तरह माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा की पूजा करने से घर में सुख-शांति व स्मृद्धि आती है और अन्य देवता भी प्रसन्न होते हैं. भगवान चंन्द्रमा की पूजा घर में सफलता और सौभाग्य लाती है.


चंद्र दर्शन से संबंधित विशेष अनुष्ठान 


महिलाएं खास तौर पर इस दिन व्रत रखती हैं ताकि अपने पति और बच्चों की लंबी उम्र के लिये ईश्वर का आशीर्वाद मिल सके.


इस विशेष दिन पर  हिंदू चंद्रमा देव की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ की जाती है और उनका आशीर्वाद लिया जाता हैं. इस दिन भक्त विशेष तौर पर चंद्र देव जी को प्रसन्न करने के लिए पूरे मन से उपवास रखा जाता है.


उपवास के दौरान भक्त पूरे दिन किसी भी प्रकार का भोजन ग्रहण नहीं करते हैं. चांद दिखने के बाद ही उपवास समाप्त किया जाता है और साथ ही पूरी श्रद्धा भाव के साथ प्रार्थना की जाती हैं.


ऐसा माना जाता है चंद्रमा की पूजा करना बहुत ही अधिक शुभ होता है और घर में सौभाग्य और समृद्धि लेकर आती है. इस खास दिन पर दान देने को बहुत ही अधिक अच्छा माना जाता है. इसके साथ ही ब्राह्मणों को चीनी,चावल और कपड़े दान करना और भी अधिक अच्छा माना जाता हैं.


स्वास्थ्य के लिये भी लाभदायक 


चंद्र दर्शन का ना केवल धार्मिक महत्व होता है बल्कि यह शरीर को स्वस्थ रखने में भी सहायक है. ऐसा कहा जाता है इस दिन उपवास रखने से मानव शरीर में कप,पित्त और वात के तत्वों को एक अच्छा संतुलन पैदा होता है ताकि रोग ना हो. यानि चंद्र दर्शन स्वास्थय के संबंध में भी काफी लाभदायक है.


चंद्र दर्शन हिंदु धर्म में काफी महत्व रखता है क्योंकि चद्रंमा को देवता समान माना जाता है. चंद्र दर्शन का अर्थ चन्द्रमा का दर्शन करना. यह भारत में बहुत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. इसे चंद्र दर्शन इसलिये कहा जाता है क्योंकि इसे अमावस्या के बाद देखा जाता है.


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