नई दिल्लीः चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) कहा जाता है. आध्यात्म की नजर से यह दिन इतना पावन है कि मात्र गंगा दर्शन कई यज्ञों का पुण्य मिलता है, गंगा स्नान से गोदान के बराबर पुण्य लाभ होता है और गंगा स्नान के बाद दान व कीर्तन से 100 वाजपेय यज्ञ जितना पुण्य मिलता है.


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सोमवती अमावस्या की तिथि पितरों की शांति, मनोकामना पूर्ति और उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद भी देती है. इस दिन अगर इच्छित मनोकामना के लिए उपाय किए जाएं तो वह जरूर फलित होते हैं. 


सोमवती अमावस्या के ऐसे ही कुछ उपायों पर डालते हैं नजर


पितरों की शांति के लिए करें ये खास उपाय
अगर आप अपने पितरों की शांति चाहते हैं तो गंगा नदी में स्नान करें. गायत्री मंत्र का 108 बार जप करें. तिल-जौ में गंगाजल मिलाकर पिण्ड दान करें. 



पुण्य काल में ब्राह्राण को भोजन कराएं. पूर्वजों की पसंद की वस्तुएं दान करें. इन सभी उपायों को अनुष्ठान की तरह संकल्प लेकर करें तो पितर शांत होंगे और प्रसन्न होकर आशीष भी देंगें. 


इस उपाय से पूरी होगी मनोकामना
अपनी किसी खास मनोकामना के लिए उस कामना का मन ही मन स्मरण करते हुए और हरिनाम लेते हुए गंगा स्नान या गंगा जल मिलाकर स्नान करें. 



इसके बाद मौन व्रत का संकल्प लें साथ ही भगवान विष्णु की पंचोपचार पूजा करें. गायत्री मंत्र का 108 बार सूर्य के सामने बैठ कर जप करें. लाल कपड़े में आयु के बराबर गुड़-तिल बांधकर दान करें. 


पति को मिलेगी लंबी उम्र, स्त्रियां ये उपाय करें
पति की लंबी उम्र के लिए आसान उपाय है कि सुबह गंगाजल से स्नान करें. पीपल के नीचे आटे का दीया जलाएं. पीपल की 7 परिक्रमा कर लाल धागा बांधें
ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें. 


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बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए ये करें उपाय
बच्चों का भविष्य संवारने के लिए 11 कन्याओं का विधिवत पूजन करें. 11 कन्याओं को भोजन कराएं.


भोजन में कन्याओं को खिचड़ी जरूर खिलाएं. बच्चों का भविष्य संवर जाएगा. 


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