नई दिल्लीः Kundali: राजनीति में सफलता या विफलता के लिए ग्रह काफी हद तक असर डालते हैं. अन्य करियर की भांति ही राजनीति में प्रवेश करने वालों की कुंडली में भी विशेष ज्योतिष योग होते हैं. ज्योतिष विद्या के अनुसार ये ग्रह किसी भी व्यक्ति को कुशल और चालाक राजनेता बना सकते हैं और राजनीति में बहुत कम समय में ही उच्च पदों पर बैठा सकते हैं.


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ऐसे लोग होते हैं राजनीति में सफल
कुंडली में शनि दशम भाव में हो या दशम भाव के स्वामी से संबंध बनाए और दशम भाव में मंगल भी हो तो व्यक्ति समाज के लोगों के हित में काम करता है और राजनीति में सफल होता है. राहु, शनि, सूर्य और मंगल की युति दशम या एकादश भाव हो या दृष्टि संबंध हो तो राजनेता बनने के गुण प्रदान करता है.


राजा के समान होता है ऐसा व्यक्ति
कुंडली में चंद्रमा ग्यारहवें घर में और गुरु तीसरे घर में स्थित होने पर राजयोग बनता है. इस योग को लेकर पैदा हुआ व्यक्ति राजा के समान होता है. यह अपने समाज में प्रसिद्धि प्राप्त करता है और धन संपन्न होता है. इस तरह कुंडली के पांचवें घर में बुध और दसवें घर में चंद्रमा होने पर राजयोग का फल प्राप्त होता है.


कुंडली में कुछ विशिष्ट धन योग, राजयोग एवं कुछ अति विशिष्ट ग्रह योग उपस्थित हों, क्योंकि एक सफल राजनेता को अधिकार, मान-सम्मान सफलता, रुतबा, धन शक्ति, ऐश्वर्य इत्यादि सभी कुछ अनायास ही प्राप्त हो जाते हैं. अतः एक सफल राजनेता की कुंडली में विशिष्ट ग्रह योगों का पूर्ण बली होना अति आवश्यक है.  


कुंडली में होते हैं विशेष ज्योतिष योग


शश राजयोगः शनि जब अपनी राशि यानी मकर या कुंभ में होता है अथवा अपनी उच्च राशि तुला में होता है तब शश नामक योग बनता है. इस योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति धीरे-धीरे सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ते हुए समाज में यश और प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं.


मालव्य राजयोगः वृष, तुला अथवा मीन राशि में जब शुक्र होता है तब मालव्य नामक योग बनता है. इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति सुन्दर और सौभाग्यशाली होता है. प्रसिद्धि इनके साथ-साथ चलती है. ऐसा व्यक्ति जो भी काम करता है उसमें भाग्य पूरा साथ देता है.


रूचक राजयोगः यह राजयोग तब बनता है जब मंगल मकर राशि अथवा अपनी राशि मेष या वृश्चिक में केंद्र स्थान में होता है. यह योग जिनकी कुण्डली में होता है वह बहुत ही साहसी होते हैं और कभी किसी दबाव में आकर कोई काम नहीं करते हैं. ऐसे व्यक्ति जहां भी होते हैं लोग इन्हें सम्मान देते हैं. यह राजा के समान शानो-शौकत से रहते हैं.


हंस राजयोगः कुण्डली में गुरू जब धनु, मीन अथवा कर्क में राशि में होता है तब हंस नामक राजयोग बनता है. ऐसा व्यक्ति पढ़ने-लिखने में बहुत ही बुद्धिमान होता है. इनकी निर्णय क्षमता अच्छी होती है. राजनीतिक सलाहकार, शिक्षण अथवा प्रबंधन के क्षेत्र में ऐसे लोग बहुत ही कामयाब होते हैं. इनका जीवन वैभवपूर्ण होता है.


भद्र राजयोगः यह योग बुध बनाता है जब वह मिथुन या कन्या राशि में होता है. यह योग जिनकी कुण्डली में होता है वह काफी बुद्धिमान और व्यवहार कुशल होते हैं. अपने व्यवहार और बुद्धि से लोगों से प्रशंसा प्राप्त करते हैं. बुद्धि और चतुराई से ऐसे लोग कार्य क्षेत्र में उच्च पद प्राप्त करते हैं.

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