नई दिल्ली: आज का पंचांग आपके लिए कई मायनों में खास है. 14 अप्रैल 2021 का दिन है. यह नई शुरुआत का समय भी है. चैत्र शुक्ल दितीय की तिथि है. आज नवरात्र का दूसरा दिन है.
आज देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है. भरणी नक्षत्र के साथ प्रीत योग है. इसके अलावा क्या है पंचांग में खास, बता रहे हैं आचार्य विक्रमादित्य-


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पंचांग


दिन- बुधवार


महीना- चैत्र, शुक्लपक्ष


तिथि- द्वितीया



नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है. आज ही के दिन बैसाखी भी है.


नक्षत्र- भरणी नक्षत्र के साथ प्रीति योग है


शुभ मुहूर्त- शाम 06:21 से रात तक काम करना बेहद शुभ रहेगा.


राहुकाल- दोपहर 12:21 से 01:56 तक शुभ काम ना करें


आज कीजिये माता ब्रहमचारिणी की पूजा



नवरात्र के दूसरे दिन ब्रह्मा की ब्राह्मी शक्ति माता ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है. हाथ में कमण्डल और स्फटिक की माला धारण करने वाली देवी श्वेत वस्त्र पहने हुए हैं जो स्वच्छता, सौंदर्य और शुचिता पूर्ण बुद्धि और हृदय के प्रतीक हैं. तप और साधना देवी की प्रवृत्ति है जो यह बताती है कि मानव समाज को तपस्वी जीवन जीना चाहिए, जिसमें कर्म प्रधान है और श्रम और एकाग्रता ही सफलता के मूल हैं.


देवी पार्वती का अविवाहित स्वरूप



देवी के इस रूप को माता पार्वती का अविवाहित रूप माना जाता है. ब्रह्मचारिणी संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ, ब्रह्म के समान आचरण करने वाली है. इन्हें कठोर तपस्या करने के कारण तपश्चारिणी भी कहा जाता है.


माता का स्त्रोत मन्त्र
तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।
ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
शङ्करप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी।
शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्


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