नई दिल्ली. ज्योतिश शास्त्र के अनुसार, किसी व्यक्ति की कुंडली में जब सभी सात ग्रह राहु और केतु के बीच में हों, तो इससे तीव्र कालसर्प दोष माना जाता है. इसमें से अगर एक भी ग्रह बाहर है, तो काल सर्प दोष आंशिक होता है. काल सर्प दोष व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, गरीबी, नौकरी और व्यवसाय की हानि, तनाव और चिंता का कारण बनता है. उसे दांपत्य जीवन में कलह और तनाव का सामना करना पड़ता है. 


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काल सर्प दोष का परिणाम हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है. कुंडली में राज योग और दो या दो से अधिक उच्च ग्रह कालसर्प दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं. हालांकि ज्यादातर लोग काल सर्प दोष की स्थिति से डरते हैं, लेकिन यह घबराने की बात नहीं है। कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष में कुछ आसान और अत्यधिक लाभकारी उपाय बताया गया है.


काल सर्प दोष निवारण पूजा
राहु ग्रह को शांत करने और काल सर्प दोष की तीव्रता को कम करने के लिए एक विशेष पूजा की जाती है. यह पूजा विशेष रूप से नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर और आंध्र प्रदेश के कालाहस्ती मंदिरों में की जाती है. 


इन मंत्रों का करें जाप
काल सर्प दोष से प्रभावित लोग महा मृत्युंजय मंत्र, श्री सर्प सूक्त, विष्णु पंचाक्षरी मंत्र और सर्प मंत्र का जाप कर सकते हैं.


इस रत्न को करें धारण 
कालसर्प दोष से बचने के लिए रत्न भी दारण किया जा सकता है. इसके लिए चांदी की अंगूठी में गोमेद पहनने से लाभ मिलता है. इस अंगूठी को मध्यमा अंगुली में धारण करना चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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