नई दिल्ली: Magh Gupt Navratri 2024: हिंदू धर्म में माघ गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है. नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में शक्ति की साधना की जाती है. हिंदू धर्म के कैलेंडर के अनुसार, साल में चार बार नवरात्रि का पर्व होता है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि पड़ती है. पहली गुप्त नवरात्रि माघ मास में और दूसरी आषाढ़ मास में पड़ती है. गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के अलावा मां भगवती दुर्गा के दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं, माघ गुप्त नवरात्रि का घटस्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में:


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कल से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि
माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. इस साल माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत शनिवार यानी 10 फरवरी से हो रही है. वहीं इसका समापन रविवार 18 फरवरी 2024 को होगा. गुप्त नवरात्रि 10 से 18 फरवरी तक पूरे 9 दिन रहेगी. इस बार गुप्त नवरात्रि पर रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. इससे मां दुर्गा की पूजा-उपासना करने वालों को कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा. 


माघ गुप्त नवरात्रि का शुभ मुहूर्त
माघ गुप्त नवरात्रि प्रतिपदा तिथि 10 फरवरी 2024 की सुबह 04.28 बजे से 11 फरवरी की रात्रि 12.47 बजे तक रहेगा. पहला घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 45 मिनट से लेकर 10 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. कुल समय 1 घंटा 25 मिनट रहेगा. माघ गुप्त नवरात्रि का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. कुल समय  44 मिनट रहेगा.


माघ गुप्त नवरात्रि का पूजा का समान
मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र, सिंदूर, केसर, कपूर, जौ, धूप, वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, बंदनवार आम के पत्तों का, लाल पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, जौ, बंदनवार, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, मधु, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, जावित्री, नारियल, आसन, रेत, मिट्टी, पान, लौंग, इलायची, कलश मिट्टी या पीतल का, हवन सामग्री, पूजन के लिए थाली, श्वेत वस्त्र, दूध, दही, ऋतुफल, सरसों सफेद और पीली, गंगाजल होना चाहिए.


मां दुर्गा की ऐसे करें पूजा
गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक मां दुर्गा की आधी रात में पूजा करते हैं. मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी अर्पित की जाती है. इसके बाद मां के चरणों में पूजा सामग्री को अर्पित किया जाता है. मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है. सरसों के तेल से दीपक जलाकर 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए.