नई दिल्लीः हिंदू धर्म शास्त्रों की मानें, तो कलयुग में केवल बजरंग बली ही ऐसे देवता हैं, जो जीवित हैं और अपने भक्तों के कष्ट दूर करते हैं. बजरंग बली को हनुमान जी और संकटमोचन जैसे नामों से भी जाना जाता है. हनुमान जी अपने सभी भक्तों के कष्ट हरते हैं. यही वजह है कि उन्हें संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है. 


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देवी से मिला था अमर होने का वरदान
शास्त्रों की मानें, तो कलयुग में बजरंगबली के जीवित होने के पीछे एक बड़ा कारण है. मान्यता है कि उन्हें किसी देवी से अमरत्व का वरदान मिला था. यही वजह है कि वे आज भी पृथ्वी पर मौजूद हैं और अपने भक्तों की कष्ट दूर करते हैं. ऐसे में आइए जानते बजरंग बली से जुड़े उस प्रसंग के बारे में, जब उन्हें अमरत्व का वरदान मिला था. 


हनुमान जी ने लगाया था माता सीता का पता
हिंदू धर्म शास्त्रों की मानें, तो जब लंकापति रावण ने माता सीता का हरण किया और उनकी खोज में श्रीराम निकले, तो उन्हें बजरंग बली ने बहुत मदद पहुंचाई थी. बजरंग बली ही पहली बार लंका गए थे और माता सीता का पता लगा कर आए थे. इस दौरान जब वे माता सीता की खोज में लंका पहुंचे और अशोक वाटिका में देवी सीता से मिलकर उन्हें श्रीराम की दी हुई अंगूठी दी और उन्हें यकीन दिलाई कि वे चिंता न करें, बहुत ही जल्द श्रीराम आने वाले हैं और लंका के अहंकारी राजा रावण का वध कर उन्हें मुक्त कराने वाले हैं. 


माता सीता ने दिया था अमर होने का वरदान
बजरंग बली की बातों पर जब माता सीता को यकीन हो गया तो उन्होंने अपने पति श्रीराम के प्रति बजरंग बली का प्रेम देखकर उन्हें अमर होने का वरदान दिया था. इस दौरान माता सीता ने कहा था कि वे हमेशा इसी तरह सभी राम भक्तों के कष्टों को दूर करते रहें. मान्यता है कि माता सीता के इसी वरदान की वजह से बजरंगबली कलयुग में जीवित हैं और जब तक सृष्टि रहेगी, तब तक वे जीवित रहेंगे. 


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(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)