नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना संक्रमण का कहर है. सभी छात्र घर पर रहकर Online Education के लिए विवश हैं. प्राइवेट और सरकारी विद्यालयों में छात्रों की Online Classes चल रही हैं. इस बीच कई गरीब छात्रों की समस्या ये है कि उनके पास लैपटॉप और इंटरनेट का खर्च वहन करने की आर्थिक क्षमता नहीं है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

छात्रों को सभी सुविधाएं मुहैया कराएं स्कूल


इस बीच दिल्ली उच्च न्यायालय  (Delhi High Court) ने शुक्रवार को प्राइवेट (Private School) और सरकारी स्कूलों (Government Schools) को निर्देश जारी करते हुए गरीब बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं (Online Classes) के लिए लैपटॉप (Laptop) और इंटरनेट पैकेज मुहैया कराने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि ऐसी सुविधाओं की कमी 'भेदभाव' और 'डिजिटल रंगभेद' पैदा करती है.


क्लिक करें- NIA को मिली बड़ी कामयाबी, अलकायदा के 9 संदिग्ध Terrorists को धर दबोचा


गरीब छात्रों की खुद मदद करें विद्यालय


दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ ने कहा कि यदि एक स्कूल स्वयं ही ऑनलाइन प्रणाली के जरिए कक्षाएं संचालित करने का फैसला करता है तो 'उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) अथवा वंचित समूह श्रेणी के अंतर्गत आने वाले छात्रों को भी इसी तरह की सुविधाएं एवं उपकरण उपलब्ध हों.


क्लिक करें- China Tension: Laddakh में चौतरफा घिरा चीन, भारत और जापान में बढ़ी एकता


Delhi Highcourt का कहना है कि Online Education के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध नहीं होने के चलते एक ही कक्षा में पढ़ने वाले ऐसे छात्रों को अन्य छात्रों की तुलना में 'हीन भावना' महसूस होगी जो उनके 'मन और मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है.