लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड की जांच करने के लिए CBI की टीम क्राइम सीन पर पहुंची और तरह-तरह से जांच कर रही है. इस मामले में CBI हर एंगल को खंगालने की कोशिश कर रही है. पीड़िता की मौत का सच सामने लाने के लिए लगातार जांच का सिलसिला जारी है.


घटनास्थल पर खेतों में CBI का सर्च अभियान


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हाथरस मामले की जांच के लिए सीबीआई की टीम पीड़िता के गांव में मौजूद है. सीबीआई की टीम घटनास्थल पर खेतों में सर्च अभियान चला रही है. इस मौके पर पीड़िता का बड़ा भाई भी सीबीआई टीम के साथ मौजूद है. सीबीआई की टीम ने पीड़िता के बड़े भाई को बुलाया है. क्योंकि वारदात के वक्त बड़ा भाई घटनास्थल पर मौजूद था.


हाथरस कांड की एक-एक परत को खंगालने के लिए घटनास्थल पर पिछले ढाई घंटे से सीबीआई की तफ्तीश जारी है. ताजा अपडेट के अनुसार घटनास्थल पर सीबीआई के साथ पीड़िता की मां और भाई भी मौजूद है. घटनास्थल पर पीड़िता की मां और भाई से सीबीआई पूछताछ कर रही है. घटना की कड़ियों को जोड़ने की सीबीआई कोशिश कर रही है. 


पीड़िता के परिवार से CBI की मुलाकात


बताया जा रहा है कि CBI की जांच टीम पीड़िता के परिजनों से भी मुलाकात करके पूरे प्रकरण पर साक्ष्य जुटाने की कोशिश कर रही है. हाथरस में एक बेटी की हत्या के मामले में पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हुए हैं. ऐसे में यूपी सरकार ने SIT का गठन किया था, शुरुआती जांच में कुछ पुलिस अफसरों पर एक्शन हुआ. इसके बाद हाथरस कांड के बहाने दंगे की साजिश की बात सामने आई थी.


हाथरस केस किसकी-किसकी जांच?


  1. लोकल पुलिस

  2. CBI 

  3. ED 

  4. SIT 


जांच के लिए मथुरा में ED की टीम


हाथरस मामले की जांच सिर्फ सीबीआई ही नहीं, बल्कि ED भी कर रही है. ईडी की टीम मथुरा पहुंच गई है. ED ने PFI के गिरफ्तार कार्यकर्ताओं से पूछताछ के लिए कोर्ट से इजाज़त मांगी है. बताया जा रहा है कि कोर्ट से इजाज़त मिलने के बाद जेल में बंद PFI के 4 कार्यकर्ताओं से पूछताछ की जाएगी.


हाथरस की 'दंगा फंडिंग' का खुलासा होगा!


हाथरस के PFI फंडिंग केस में ED यानी प्रवर्तन निदेशायल की लखनऊ यूनिट मथुरा जेल में बन्द PFI के सदस्यों  पूछताछ करेगी. यानी ये पता लगाया जाएगा कि हाथरस केस के जरिए कैसे दंगों की साज़िश के लिए फंडिंग की गई थी. ED को शक है कि हाथरस में दलित लड़की के हत्या के बहाने यूपी में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश रची गई थी. ED की टीम मथुरा पहुंच चुकी है. ईडी जेल में बन्द PFI मेम्बर्स से हाथरस केस में दंगो की साजिश के लिए हुई फंडिंग के बारे में पूछताछ करेगी.


हाथरस में PFI फंडिंग का एक-एक राज़ खुलेगा!


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि हाथरस केस की आड़ में PFI और अन्य संगठन यूपी में जातीय हिंसा फैलाकर दंगे कराने की साजिश रच रहे है. जिसके बाद यूपी पुलिस ने PFI के चार संधिग्थ लोगों को भी गिरफ्तार किया था. क्योंकि साजिश ऐसी ही दिखाई दे रही है कि हाथरस के नाम पर पूरे उत्तर प्रदेश को जलाने की साजिश थी. बेटी को इंसाफ दिलाने के नाम पर दंगा भड़काने का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया था. इसका सच अब सामने आने जा रहा है.


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