मासूम से Rape: twitter पर उठी न्याय की गुहार, अब तो सुनो Gehlot सरकार
सावई माधोपुर में 3 साल की बच्ची से दुष्कर्म का गुस्सा ट्विटर पर निकल रहा है. लोग सोशल मीडिया पर दोषी के लिए फांसी की मांग रहे हैं. 2019 में देश में सबसे अधिक दुष्कर्म के मामले राजस्थान से ही दर्ज किए गए थे. मीडिया रिपोर्ट के माुताबिक अक्टूबर महीने में ही प्रदेश में नाबालिगों से दुष्कर्म की दर्जन से अधिक वारदातें सामने आईं.
नई दिल्लीः सोशल मीडिया एक बार फिर लोगों के गुस्सा जाहिर करने की जगह बना हुआ है. Corona की New Strain, ITR File, और रजनीकांत की राजनीति के बीच मंगलवार को ट्रेंड में जगह बनाता दिखाता, #3वर्ष_की_मासूम_को_न्याय_दो. इस मसले को उठाते हुए Users ने हजारों ट्वीट किए.
तह में जाने पर सामने आया कि मामला एक बच्ची के साथ दुष्कर्म किए जाने का है. पीड़िता सवाई माधोपुर की है, जिसे न्याय दिलवाने के लिए Users ने 15 हजार से अधिक ट्वीट किए और 13 हजार से अधिक बार शेयर किया.
क्या है मामला, तफसील से जानिए
हुआ यूं कि सवाई माधोपुर में एक मासूस बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था. पीड़िता अस्पताल में है और उसकी हालत नाजुक है. गरीब परिवार की इसी पीड़िता के लिए न्याय मांगते हुए सोशल मीडिया आरोपी के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहा है.
इस सिलसिले में सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया और आक्रोशित लोगों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. सवाई माधोपुर में लोगों ने पथिक लोक सेवा समिति के नेतृत्व में न्याय की मांग की.
घटना 22 दिसंबर की है. बताया गया कि 3 वर्षीय मासूम बालिका का टॉफी दिलवाने के बहाने उसका अपहरण किया गया था और इसके बाद उस मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म किया गया.
दुष्कर्म के खिलाफ कड़े कानूनी प्रावधान होने के बाद भी इन पर लगाम नहीं लग पा रही है. राजस्थान में नाबालिग और मासूमों से दुष्कर्म के मामले भी काफी बढ़े हैं, जिन पर प्रदेश सरकार लगाम नहीं कस पा रही है. दिसंबर महीने का इतिहास देखें तो निर्भया कांड देश का चर्चित दुष्कर्म कांड रहा.
इसके दोषियों ने जो अंजाम भुगता वह जानने के बाद भी इस जुर्म में कमी नहीं आई है. राजस्थान में सबसे अधिक मामले दुष्कर्म के दर्ज होते हैं, इसके बावजूद सरकार का रवैया इस ओर ढीला ही नजर आता है.
क्यों इस ओर नजर नहीं डाल रही प्रदेश सरकार
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट जो 2019 में जारी हुई, उसमें एक बड़ी बात निकलकर सामने आई थी. 2019 में देश में सबसे अधिक दुष्कर्म के मामले राजस्थान से ही दर्ज किए गए थे. मीडिया रिपोर्ट के माुताबिक अक्टूबर महीने में ही प्रदेश में नाबालिगों से दुष्कर्म की दर्जन से अधिक वारदातें सामने आईं.
दिसंबर में ही लगातार दुष्कर्म के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें अधिसंख्य नाबालियों के साथ हुए हैं. 28 दिसंबर को कांकरियां में नाबालिग से दुष्कर्म, हफ्ते भर पहले सरकारी स्कूल में नाबालिग के साथ वारदात, दस दिन पहले झालावाड़ में वारदात, श्रीगंगानगर, सीकर आदि जिलों में भी हाल के 15 दिनों में ही नाबालिगों की चीखें गूंजती रही हैं, लेकिन सरकार के कानों तक यह आवाज नहीं पहुंची.
दूसरे प्रदेश में दर्द देखते हैं, अपने प्रदेश का नहीं
बीते दिनों हाथरस में हुए मामले के बाद राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में पीड़ित परिवार से मिलने पहुंच रहे थे. लेकिन अपनी ही पार्टी द्वारा शासित राजस्थान में हर रोज बच्चों की चीख गूंज रही है तो राहुल चुप हैं. कोई सवाल नहीं कर रहे हैं. बल्कि कहा जा रहा है कि वह देश में भी नहीं हैं.
ऐसे में सवाल उठता है किया क्या कांग्रेस और कांग्रेस नेतृत्व को सिर्फ अन्य प्रदेशों के मुद्दे दिखते हैं, अपने प्रदेशों में जनती के दर्द की कराह नहीं सुनाई देती है.
3 साल की मासूम को न्याय दिलाने की मांग करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर यही सवाल उठा रहा है. आखिर राजस्थान की बच्चियों को कब न्याय मिलेगा?
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