पहले EVM हैकिंग, अब पोस्टल बैलेट में भी लगने लगा फर्जीवाड़ा का आरोप! ये राजनीति है भईया..
पिछले कई सालों में ईवीएम को लेकर कई सारे सवाल उठते रहे हैं. सालों बाद चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलेट की सीमित सुविधा देने की पहल की तो अब वही नेता इसे फर्जीवाड़ा बता रहे हैं, जो पोस्टल बैलेट से चुनाव कराने की मांग करते थे. सब राजनीति है..
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर जहां सरगर्मी बढ़ती जा रही है, वहीं अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने सरकारी मशीनरी को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं. अखिलेश ने अब ये आरोप लगाया है कि पोस्टल बैलेट को लेकर फर्जीवाड़ा हो सकता है.
यूपी में ईवीएम या पोस्टल बैलेट?
हाल ही में अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया था कि कोरोना नियमों को तोड़ने पर उनकी पार्टी पर कार्रवाई हो रही है, लेकिन बीजेपी पर नहीं..
अखिलेश यादव EVM को लेकर वो पहले से ही सवाल उठाते रहे हैं और अब उनके आरोपों के घेरे में पोस्टल बैलेट भी आ गया है. अखिलेश का कहना है कि चुनावों में पोस्टल बैलेट को लेकर फर्जीवाड़ा हो सकता है.
राजनीतिक दलों की मोहरा बन गई EVM
EVM... देश के चुनावों में ये मशीन एक मोहरा बन गई है, जिसका इस्तेमाल राजनीतिक दल अपने नफा नुकसान के हिसाब से करते हैं. चुनाव में हार जीत के मद्देनजर एक पार्टी उसका बचाव करती है और दूसरी उस हमले करती है.
यूपी समेत देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. अब तक के प्रचार में EVM का मुद्दा उठा तो नहीं था, लेकिन शुक्रवार को ईवीएम की जगह पोस्टल बैलेट पर सवाल खड़े हुए.
मुजफ्फरनगर में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और RLD अध्यक्ष जयंत चौधरी ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अखिलेश यादव ने पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी होने का शक जताया.
अखिलेश और जयंत की चिंता क्यों बढ़ी?
यहां आपको ये भी समझना चाहिए कि जयंत चौधरी और अखिलेश यादव को पोस्टल बैलेट पर चिंता क्यों हो रही है? इसके पीछे चुनाव आयोग का एक बड़ा फैसला है.
इस बार हो रहे विधानसभा चुनावों में वोट डालने के लिए पत्रकारों और कई विभागों के कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट सुविधा का उपयोग करने की अनुमति दी गई है. इसके लिए निर्वाचन आयोग ने अलग-अलग राज्यों के लिए लिस्ट जारी की है.
उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां पत्रकार समेत 11 विभागों के एम्प्लॉयीज पोस्टल बैलेट के जरिये वोट डाल सकेंगे.
इसमें मेडिकल सेवा, पुलिस, फायर डिपार्टमेंट, जेल, बिजली, जल, वन, ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन, बीएसएनएल, रेलवे, पोस्ट, नागरिक उड्डयन, एम्बुलेंस, जहाजरानी के एम्प्लॉयीज, चुनाव कवरेज के लिए निर्वाचन आयोग से अधिकृत मीडिया पर्सन आदि शामिल हैं.
अखिलेश यादव को शक है कि इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है. इसलिए उन्होंने इन विभागों से जुड़े सरकारी कर्मचारियों से अपील की है. अखिलेश ने कहा है कि 'किसी भी अधकारी को अपना पहचान पत्र या आधार कार्ड न दें जिससे उनकी वोटो के साथ कोई फर्जीवाड़ा न हो.'
BJP ने पहले ही कहा था कि EVM को कोसेंगे अखिलेश
आपको याद दिला दें कि कुछ ही दिन पहले बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा था कि जल्दी ही अखिलेश EVM को कोसने लगेंगे. अब अखिलेश और जयंत दोनों नेताओं ने ईवीएम पर नहीं, लेकिन पोस्टल बैलेट के निष्पक्ष इस्तेमाल को लेकर आशंका जता दी है.
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पहले EVM और पोस्टल बैलेट... चुनावी मशीनरी पर विपक्ष का ये संदेह कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी कई चुनावों में EVM विपक्ष के निशाने पर रही है और अब पोस्टल बैलेट भी प्रश्नचिह्न लग रहा है. मगर हैरान करने वाली बात तो ये है जब यही EVM जीत दिलाती है, तो सवाल उठाने वाले खामोश हो जाते हैं.
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