योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने की असल कहानी, किसने भेजा था चार्टर प्लेन?

2017 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ये साफ नहीं था कि भाजपा उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री किसे बनाएगी. खुद योगी आदित्यनाथ तक को इसकी भनक नहीं थी कि उन्हें चार्टर प्लेन से दिल्ली बुलाया जाएगा और यूपी की सत्ता पर काबिज कर दिया जाएगा.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Jan 29, 2022, 02:01 PM IST
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योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने की असल कहानी, किसने भेजा था चार्टर प्लेन?

नई दिल्ली: योगी को खुद इस बात की भनक तक नहीं थी कि वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने वाले हैं. जब भाजपा के स्टार प्रचारक के तौर पर 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ घूम-घूम पार्टी के लिए प्रचार कर रहे थे, तो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि वो इस चुनाव के बाद सीएम बनने वाले हैं.

योगी के सीएम बनने की हकीकत

हर किसी के जेहन में इस बात को लेकर कन्फ्यूजन है कि आखिर 2017 में जब किसी ने सोचा भी नहीं था, उस वक्त योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कैसे बन गए. आपको उन दिनों भीतरखाने चल रही सारी कहानी से रूबरू करवाते हैं, जिसे लेकर आज भी बहुत से लोग कन्फ्यूज हैं.

योगी आदित्यनाथ खुद इस बात को स्वीकारते हैं कि उन्हें भी ये नहीं मालूम था कि उनको मुख्यमंत्री बनना है.

11 फरवरी, 2017 को उत्तर प्रदेश में वोटिंग शुरू हो गई थी. इसी चुनावी माहौल के बीच 25-26 फरवरी के आस-पास तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उस वक्त के गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ को फोन किया.

सुषमा स्वराज ने योगी को बताया कि आपको एक पार्लियामेंट्री डेलीगेशन का हिस्सा बनकर विदेश जाना है. इस बात पर योगी आदित्यनाथ ने सुषमा स्वराज से असहमति जताते हुए कहा कि 8 मार्च तक चुनाव होने वाले हैं, 6 मार्च तक उनका चुनावी कार्यक्रम है.

इस बात पर सुषमा स्वराज ने कहा कि 6 तारीख के बाद ही जाना होगा, आप अपनी सहमति दे दीजिए और आप उसको लीड करिए. इसी बीच 8 मार्च को योगी आदित्यनाथ दिल्ली पहुंचते हैं. उनका पासपोर्ट पहले ही जा चुका था.

10 मार्च को पीएमओ ने वापस कर दिया पासपोर्ट

ये वो तारीख थी जब यूपी चुनाव के नतीजे नहीं आए थे, योगी आदित्यनाथ को शायद ये पहला इशारा था कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. 10 मार्च, 2017 दिन था शुक्रवार.. इस दिन योगी आदित्यनाथ को पता चला कि उनका पासपोर्ट पीएमओ ने वापस कर दिया है और उन्हें नहीं जाना है.

11 मार्च को मतगणना थी, इसी बीच योगी आदित्यनाथ दिल्ली से वापस गोरखपुर चले गए. इस दौरान सुषमा स्वराज ने योगी आदित्यनाथ को फोन किया और कहा कि प्रधानमंत्री जी ने आपका पासपोर्ट वापस किया है. उनका कहना है कि चुनावी मतगणना होना है और योगी जी का यहां रहना आवश्यक है.

सुषमा स्वराज की बातें योगी आदित्यनाथ के लिए दूसरा इशारा था कि खुद प्रधानमंत्री मोदी के लिए योगी एक योग्य उम्मीदवार हैं.

384 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा ने अकेले 312 सीटों पर जीत हासिल की. जबकि NDA को 325 सीटों पर ऐतिहासिक विजय प्राप्त हुई. 13-14 मार्च को होली थी, योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में ही होली मनाई.

दिल्ली में अमित शाह ने किया इशारा

होली बिताकर योगी आदित्यनाथ 16 मार्च 2017 को दिल्ली गए. पार्लियामेंट्री पार्टी की बैठक में उन्होंने हिस्सा लिया. संसदीय दल की बैठक में योगी की मुलाकात तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से हुई.

अमित शाह ने योगी से पूछा कि आप कब आए हैं? योगी ने बताया कि मैं आज ही आया हूं. इतने में अमित शाह ने योगी से कहा कि आपसे बात करनी हैं. योगी ने उनसे मुलाकात की. इस मुलाकात में अमित शाह ने सामान्य बातचीत की.

जाते-जाते अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ से एक जरूरी बात कही. अमित शाह ने कहा कि आप दिल्ली छोड़ कर मत जाइएगा. निश्चित तौर पर उस दौर में योगी के लिए अमित शाह की ओर से ये एक बड़ा संकेत था.

17 मार्च, 2017.. ये तारीख योगी आदित्यनाथ के जीवन की सबसे यादगार तारीख है. दोपहर की फ्लाइट पकड़ कर योगी दिल्ली से गोरखपुर जा चुके थे. इसी दिन शाम में अमित शाह ने योगी को फोन किया और पूछा कि आप कहां हैं?

योगी आदित्यनाथ ने हिचकिचाते हुए जवाब दिया कि मैं तो गोरखपुर आ गया हूं. अमित शाह ने झट से पूछा कि मैंने आपको दिल्ली रहने को कहा था तो आप गोरखपुर क्यों चले गए. योगी ने अमित शाह को जवाब दिया कि मेरा वहां कोई कार्य नहीं था तो मैं चला आया.

जब योगी को चार्टर प्लेन से बुलाया गया दिल्ली

इसी बातचीत के दौरान अमित शाह ने योगी को तुरंत दिल्ली आने को कहा. शाम के तकरीबन 6 बज रहे थे, उस वक्त कोई फ्लाइट या ट्रेन नहीं थी. ये समस्या उन्होंने अमित शाह को बताई.

अमित शाह ने योगी से कहा कि कुछ मत करो, कल सुबह मैं एक चार्टर प्लेन भेज रहा हूं, उसी से दिल्ली चले आना. ये बात किसी को बताइएगा मत.. योगी अगले दिन दिल्ली पहुंच गए.

दिल्ली में तकरीबन सुबह 11 बजे के आस पास योगी ने अमित शाह से मुलाकात की. इसके बात अमित शाह ने योगी को कहा कि इसी फ्लाइट को लेकर आप सीधे लखनऊ चले जाइए. शाम को 4 बजे आपको विधायक दल का नेता चुना जाना है और कल शपथ लेनी है.

17, 18 और 19 मार्च ये तीनों दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कभी नहीं भूलने वाले हैं. 17 की शाम को फोन आया, 18 को चार्टर प्लेन आया और 19 मार्च को योगी के पास यूपी की सत्ता का सिंहासन आया.

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