गुजरात चुनाव पर छात्र पंचायत, जानें मुफ्त की योजनाओं पर क्या सोचते हैं युवा
गुजरात में सियासी हलचल तेज हो गई है. चुनाव को देखते हुए तरह तरह के बयान दिए जा रहे हैं. इन बयानों पर गुजरात के युवा का क्या सोचना है ये जानने के लिए वड के शहर वडोदरा पहुंचा जी हिंदुस्तान.
वडोदरा: गुजरात चुनाव की तारीख़ों के ऐलान के बाद से ही राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है. चुनाव को देखते हुए तरह तरह के बयान दिए जा रहे हैं. वोट कटुआ, बी टीम और छोटा रीचार्ज जैसे शब्दों का इस्तेमाल सियासी लाभ के लिए किया जा रहा है. लेकिन इन बयानों पर गुजरात के युवा का क्या सोचना है ये जानने के लिए वड के शहर वडोदरा पहुंचा जी हिंदुस्तान.
युवा बोले-यहां के कॉलेज बेहतर
श्रीजी नाम के छात्र ने बताया कि जब यहां के छात्र दूसरे राज्य से पढ़ने जाते हैं तो उन्हें फ़र्क समझ में आता है. उन्हें पता चलता है कि गुजरात की यूनिवर्सिटी और कॉलेज वहां से बेहतर हैं. धर्मेश नाम के एक छात्र ने कहा की इस बार कांग्रेस ग़ायब है. गुजरात के लोग संतुष्ट प्रवृति के लोग हैं और भाजपा के काम से संतुष्ट हैं.
छात्राओं की राय क्या है
सुकृति नाम की छात्रा ने कहा कि गुजरात के युवा फ़्री पर विश्वास नहीं रखते हैं. महिला सुरक्षा पर बोलते हुए एक छात्रा ने कहा कि महिलाओं के लिए गुजरात सबसे सुरक्षित राज्य है.
क्यों अहम हैं युवा मतदाता
इस बार राज्य में 4.6 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे और इनका रुख़ और रुझान इस बार के चुनाव में बेहद अहम रहने वाला है.
इस बार मुकाबला दिलचस्प
हर पार्टी अपने अंदाज में अपने वोटरों को रिझाने की कोशिश कर रही है. इस बार का मुक़ाबला ज़्यादा दिलचस्प होने जा रहा है क्योंकि पिछले 27 सालों से राज्य में सत्ता पर क़ाबिज़ भाजपा के सामने कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी उतर गई है. उधर AIMIM चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी भी 20% सीटों को टार्गेट करके प्रचार कर रहे हैं और जेडीयू बीटीपी साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है.
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