नई दिल्ली: Jodhpur Lok Sabha Seat: राजस्थान का मारवाड़ इलाका CM गहलोत का गढ़ माना जाता था. यहां की जोधपुर लोकसभा सीट से पूर्व CM गहलोत 5 बार सांसद रहे हैं. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में ऐसी सेंध लगी कि कांग्रेस 2019 में भी यहां वापसी नहीं कर पाई. 


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17 में से 8 बार कांग्रेस जीती
अब तक के 17 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस यहां से 8 बार जीती है. 5 बार भाजपा जीती है और तीन बार निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है. 1 बार जनता पार्टी के प्रत्याशी भी जीते हैं. 2014 के चुनाव में भी यहां से गजेंद्र सिंह जीते थे,


जब हारे गहलोत के बेटे
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जोधपुर लोकसभा सीट पर गजेंद्र सिंह शेखावत को उतारा. जबकि कांग्रेस ने तत्कालीन CM अशोक गहलोत के बेटे वैभव पर दांव खेला. हालांकि, वैभव 2.74 लाख वोटों से चुनाव हार गए. 2014 के चुनाव में भी यहां से गजेंद्र सिंह शेखावत जीते. बीते दो चुनाव में भाजपा ने इस सीट को अपने किले के तौर पर विकसित किया है.


इस बार मैदान में कौन?
भाजपा ने इस बार एक बार फिर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चुनावी मैदान में उतारा है. उनके सामने कांग्रेस ने करण सिंह उचियारड़ा को टिकट दिया है. करण सिंह ने इस बार का चुनाव लोकल वर्सेस बाहरी का बना दिया है. 


जातीय समीकरण
जोधपुर लोकसभा सीट पर 21.32 लाख वोट हैं. इनमें करीब 3 लाख राजपूत वोटर हैं.  2.80 लाख नुसूचित जाति, 2.40 लाख मुस्लिम, 1.60 लाख विश्नोई, 1.50 लाख जाट, 1.10 लाख माली, 2.30 लाख अन्य OBC के वोटर हैं. दोनों ही दलों ने इस बार राजपूत उम्मीदवार उतारे हैं.


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