नई दिल्ली: Third Phase Voting: देश में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 93 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है. इन 93 सीटों पर करीब 1300 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. करीब 11 करोड़ वोटर्स इन सीटों पर रजिस्टर्ड हैं. आइए, जानते हैं कि 2019 और 2014 में इन सीटों पर कौन मजबूत रहा और कौन कमजोर रहा?


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बीते दो चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक
ये 93 सीटें सबसे अधिक कांग्रेस के लिए मुश्किल राह  मानी जा रही हैं. बीते दो चुनाव में कांग्रेस का इन सीटों पर बेहद खराब प्रदर्शन रहा है. पार्टी 8 से अधिक सीटें नहीं जीत पाई है. हालांकि, 2009 के चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन इन सीटों पर औसत रहा था.


2019 का लोकसभा चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव में इन 93 सीटों में से भाजपा ने 71 सीटें जीतकर बेहतर प्रदर्शन किया था. जबकि कांग्रेस ने केवल 5 ही सीटें जीत पाई थी. 


2014 का लोकसभा चुनाव
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा इन 93 में से 66 सीटों पर जीती. जबकि कांग्रेस 8 सीटों पर विजयी हो पाई.


2009 का लोकसभा चुनाव
2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 93 लोकसभा सीटों में से 46 सीटें जीतीं. जबकि कांग्रेस को 24 सीटें ही मिली. इसका मतलब जिस चुनाव को जीतकर कांग्रेस की केंद्र में सरकार बने थी, उस चुनाव में भी कांग्रेस इन 93 सीटों पर मजबूत नहीं थी.


इन 7 हॉट सीटों पर सबकी नजर
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 7 सीटें ऐसी हैं, जिन पर सबकी नजर है. इनमें गांधीनगर से अमित शाह, मैनपुरी से डिंपल यादव, बारामती से सुप्रिया सुले, बहरामपुर से युसुफ पठान और अधीर रंजन, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजगढ़ से दिग्विजय सिंह और बदायूं से आदित्य यादव चुनावी मैदान में हैं.


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