Bengal Chunav में ममता दीदी की परेशानी बढ़ाने वाले कौन हैं?
हावड़ा में अमित शाह ने रिक्शा चालक के घर खाना खाया. कुल्हड़ के बर्तन में गृहमंत्री को लंच परोसा गया. ताबड़तोड़ प्रचार के बाद डोमजूर में खाने का प्रबंध था. शाह की ऐसी नीति ही दीदी के लिए परेशानी बन रही है.
कोलकाता: बंगाल के चुनावी दंगल में भगवा त्रिशक्ति ने दीदी का खेला खराब कर दिया है. दीदी के तमाम दांवपेंच बिखरते दिख रहे हैं. जिस खेला से दीदी ने चुनावी पासा पलटने की उम्मीद लगा रखी थी, वहां भी मोदी-योगी-शाह की त्रिशक्ति दीदी को परेशान कर रहे हैं. अमित शाह लगातार नए-नए दांव आजमा रहे हैं.
बंगाल में दीदी की परेशानी बढ़ने लगी
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में चौथे चरण के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पूरी ताकत झोंक दी है. गृहमंत्री अमित शाह रोड शो पर रोड शो कर रहे हैं. जो ममता दीदी के लिए परेशानी की वजह बनती जा रही है. उन्होंने बेहला पूर्वी में रोड शो किया.
इसके बाद गृहमंत्री शाह ने हावरा मध्य में रोड शो किया, जहां भारी तादाद में लोग मौजूद रहे. इस मौके पर अमित शाह ने ट्वीट करके रोड शो में मौजूद भव्य भीड़ की तस्वीरें साझा की. उन्होंने एक बार फिर बंगाल में 200+ सीटें जीतने का दावा किया.
त्रिशक्ति बिगाड़ेगा दीदी का खेला
दस सालों तक बंगाल की दीदी ताल ठोकती रहीं और चुनौती देती रहीं कि जो हमसे टकराएगा वो चूर चूर हो जाएगा. लेकिन 2021 के चुनावी दंगल में उनकी बोली बदल चुकी है. दीदी की बोली में अब झल्लाहट है. इसके पीछे चुनाव में भाजपा से कांटे की टक्कर असल वजह है. चुनावी जंग में 'भगवा त्रिशक्ति' ममता दीदी का खेला बिगाड़ने की पूरी तैयारी में हैं.
रिक्शा चालक के घर खाया खाना
रोड शो के बाद हावड़ा में अमित शाह ने रिक्शा चालक के घर खाना खाया. कुल्हड़ के बर्तन में गृहमंत्री को लंच परोसा गया. शाह ने ट्वीट कर लिखा कि 'आज डोमजुर में श्री शिशिर साना जी के घर भोजन किया. इस अविस्मरणीय आतिथ्य व अत्यंत स्वादिष्ट भोजन के लिए उनका व उनके परिजनों का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं.'
कैसे बदल गई बंगाल के दंगल की तस्वीर
बंगाल के 2021 के चुनावी दंगल की ये तस्वीर यूं ही नहीं बदली है. इसकी बिसात 2016 से ही भगवा त्रिशक्ति बंगाल में बिछाने में जुटी थी. इसीलिये 2017 के पंचायत चुनाव में दीदी को अपनी सियासी जमीन बचाने के लिये पूरा दम लगाना पड़ा, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में 18 सीटों पर बीजेपी की जीत ने दीदी को समझा दिया कि खेला बिगड़ने लगा है. 2021 के चुनावी दंगल में तो दीदी के तमाम दांवपेंच मोदी-योगी-शाह की त्रिशक्ति के सामने घुटने टेकते दिख रहे हैं.
ममता दीदी जिस तुष्टिकरण को बंगाल में चुनावी जीत का टोटका बनाना चाह रही थीं. लेकिन अब उनकी ही मुसीबत बढ़ गई है. बंगाल में दीदी के दस सालों के राज में टीएमसी के गुंडागर्दी जिस तरह चरम पर पहुंची, वो दीदी के लिए सबसे बड़ी परेशानी बन गई.
योगी के डंडे ने जिस तरह यूपी के बड़े-बड़े डॉन को ठंडा कर रखा है. उससे बंगाल में भी उम्मीद बंध रही है कि भगवा राज से ही बंगाल में गुंडाराज बदलेगा.
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बीजेपी के शाह की चाणक्य नीति 2014 से ही चुनावी बिसात पर अपना जलवा दिखा रही है. बंगाल विजय उसी की अगली कड़ी साबित हो सकती है. दीदी की घेराबंदी का जयश्रीराम जिस तरह अमित शाह किया, वो अब पूरी तरह असर दिखा रहा है और ममता दीदी की बौखलाहट खुलकर दिख रही है. मोदी-योगी-शाह की भगवा त्रिशक्ति का जादू कितना बंगाल पर छा रहा है ये तो आने वाला 2 मई ही बताएगा.
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