अयोध्या-काशी के बाद मथुरा बना यूपी चुनाव का मुद्दा? सपने में आने लगे भगवान श्रीकृष्ण
उत्तर प्रदेश चुनाव में सभी सियासी पार्टियां साम दाम दंड भेद के जरिए खुद को बाहुबली बनाने की कोशिश कर रही हैं. इस बार चुनाव का सबसे बड़े मुद्दों में मथुरा भी एक है. इसका सबूत आज खुद अखिलेश यादव ने पेश कर दिया है.
नई दिल्ली: अयोध्या-काशी के बाद अब मथुरा की तैयारी है. ये नारा यूपी चुनाव में खूब गूंज रहा है. राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि अयोध्या में राम मंदिर और काशी में विश्वनाथ धाम बना तो मथुरा-वृंदावन कैसे छूट जाएगा. यानि बीजेपी अयोध्या-काशी के बाद यूपी में मथुरा का मुद्दा गरमाने की कोशिश कर रही है.
किसे मिलेगा श्रीकृष्ण का आशीर्वाद?
सीएम योगी ने शुरुआत की तो भला विपक्षी पार्टी कैसे पीछे रहती. परशुराम की मूर्ति लगवाने वाले समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मथुरा का मुद्दा लपक लिया और कह दिया कि भगवान श्री कृष्ण उनके सपने में आते हैं. जिसके बाद उन पर बीजेपी का प्रहार जारी है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 'भगवान श्री कृष्ण हमारे सपने में आते हैं और कहते हैं कि तुम्हारी सरकार बन रही है.'
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हमलावर हो गए. उन्होंने कहा कि 'भगवान कृष्ण आज उनको कोस रहे होंगे. इसलिए कोस रहे होंगे क्योंकि भगवान कृष्ण ने उनको ये भी कहा होगा कि जब तुमको सत्ता मिली थी तब मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल, बलदेव के लिए कुछ नहीं कर पाए, लेकिन वहां पर कंस को पैदा करके जवाहर बाग की घटना जरूर करवा दी थी. ये हरकतें थीं पिछली सरकार की. उनको भगवान कृष्ण से मतलब नहीं था, वे तो कंस के उपासक थे और कंस को पैदा करते थे.'
अखिलेश को कोसने लगे योगी के मंत्री
यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने भी अखिलेश पर तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि चलो अच्छा है की अखिलेश यादव को बाबर और जिन्ना से फुर्सत मिली और अब भगवान कृष्ण सपने में दिखने लगे.
वहीं बहुजन समाज पार्टी ने कहा है कि अखिलेश का सरकार बनाने का सपना सच नहीं होगा. बीएसपी नेता सुधींद्र भदौरिया ने बोला कि 'पिछली बार जब उनकी सरकार बनी तो उन्होंने मुज़फनगर कांड उनके राज्य में हुआ तमाम तरह के गुंडा तंत्र की तमाम ताकते बढ़ी और ये गुंडा वादी ताकतों नें जनता को परेशान करके रख दिया. तो जनता सचेत है उत्तर प्रदेश के लोग कह रहें है की इनकी तो सरकार आ ही नहीं सकती.'
वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि 'सपने के सौदागरों को सपने में ही सरकार दिखने लगी है, सपने में ही दिखेगी, सच्चाई में नहीं. यूपी के लोगों को इस बात का अहसास है कि ये सरकार सिर्फ सपनों की सरकार रहेगी, इससे ज्यादा कुछ नहीं है.'
पश्चिमी यूपी में बिगड़ा भाजपा का समीकरण
बीजेपी के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर सीएम योगी को मथुरा सीट से चुनाव लड़ाने की सलाह दी है. हम आपको बताते हैं कि आखिर मथुरा से योगी को चुनावी मैदान में उतारकर बीजेपी कौन सा समीकरण साधने की कोशिश कर रही है.
मथुरा को क्यों इतनी हवा दे रही है बीजेपी?
अब सवाल ये कि आखिर बीजेपी श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुद्दे को इतना हवा क्यों दे रही है. चुनावी विश्लेषकों की मानें तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी को लेकर किसानों में नाराजगी है. ऐसे में ब्रजमंडल कहे जाने वाले पश्चिमी यूपी में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा उठाकर बीजेपी किसानों में मोदी-योगी सरकार के प्रति नाराजगी कम करने और हिंदुओं को एक छतरी के नीचे लाने की कोशिश कर रही है. ताकि उन्हें वोटों का फायदा हो सके.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुद्दे के जरिए बीजेपी पश्चिमी यूपी के वोटबैंक को साधने की कोशिश कर रही है. किसानों की नाराजगी का नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ सकता है और राष्ट्रीय लोक दल या उससे गठबंधन करने वाली समाजवादी पार्टी को फायदा मिल सकता है.
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अगर ऐसा हुआ तो करीब 136 सीटों पर बीजेपी को नुकसान हो सकता है. बीजेपी को ये भी लगता है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा उठाने से समाजवादी पार्टी के यादव वोटबैंक में भी सेंध लगाई जा सकती है. एक तरफ मथुरा का मुद्दा हिंदुत्व के एजेंडे पर सटीक बैठता है तो दूसरी तरफ इस मुद्दे के जरिए बीजेपी किसानों की नारजगी से होने वाले नुकसान की भरपाई करना चाहती है.
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