ओपी राजभर ने बीजेपी से क्यों मोल ली थी अदावत? जानिए पूरा किस्सा
ओमप्रकाश राजभर और बीजेपी के बीच एक बार फिर नजदीकियां बढ़ती नजर आ रही हैं. जबसे बीजेपी और सुभासपा का साथ टूटा वो ये कहते रहते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जातीय जनगणना और ओबीसी के हक की मांग नहीं मानी, इसी वजह से उन्होंने यूपी सरकार और बीजेपी से रिश्ते तोड़े थे. लेकिन आपको वो पूरा किस्सा समझाते हैं कि आखिर असल में राजभर ने योगी से क्यों नाता तोड़ा था.
नई दिल्ली: यूपी की सियासत में एक बार फिर ओमप्रकाश राजभर को लेकर चर्चा तेज हो गई है. ओपी राजभर और बीजेपी की नजदीकियां फिर से बढ़ने लगी हैं. अखिलेश यादव और राजभर के रिश्तों में जबसे खटास बढ़ने लगी, तभी से ये कयास लगाए जा रहे थे कि एक बार फिर सुभासपा और बीजेपी के बीच बात बन सकती है. आपको हम उस किस्से के बारे में बताते हैं, जब ओपी राजभर ने बीजेपी से अदावत क्यों मोल ली थी. आखिर राजभर ने उस बीजेपी की सरकार का साथ बीच में ही क्यों छोड़ दिया था, जिस सरकार में वो मंत्री थे.
ओबीसी समाज के लिए राजभर ने कुर्सी से किया तौबा?
ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार पर ये आरोप लगाया था कि उन्होंने ओबीसी समाज के साथ धोखा किया, जिसके चलते उन्होंने मंत्री पद का त्याग कर दिया था. राजभर ने ये भी कहा था कि भाजपा अपने इस वादे से मुकर गई थी कि वो जातीय जनगणना कराएगी. हालांकि ज़ी हिन्दुस्तान ने उनके इन आरोपों की सच्चाई जानने के लिए जमीनी पड़ताल की थी, जिसमें कई अन्य वजहों का भी खुलासा हुआ था.
ज़ी हिन्दुस्तान ने ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान ओमप्रकाश राजभर के विधानसभा क्षेत्र जहूराबाद में लोगों से चर्चा की थी. विधानसभा क्षेत्र के दुबिहा मोड़ नाम के एक बाजार में कई सारे नेताओं ने हमसे बात की थी. जहां मुरलीधर सिंह नाम के एक व्यक्ति ने बताया था कि ओमप्रकाश राजभर ने 2017 में सीएम योगी और बीजेपी से इसलिए कन्नी काटी थी कि भाजपा के लोग सिर्फ राजभर को धोखा देते थे. सरकार में रहने के दौरान भी उनकी बात नहीं सुनी जाती थी.
जिस डीएम के चलते योगी से नाराज हुए थे राजभर!
ओमप्रकाश राजभर ने यूपी में योगी सरकार बनने के कुछ महीने बाद ही गाज़ीपुर के तत्कालीन डीएम संजय खत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. वो डीएम के तबादले या बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे और उन्होंने इस मांग को लेकर धरना भी दिया था. जमीनी पड़ताल के दौरान सपा नेता विश्राम यादव ने ज़ी हिन्दुस्तान के सामने इस बात का खुलासा किया था कि 'भाजपा ने उन्हें कैबिनेट में जगह दिया और सम्मान नहीं दी. उनके कहने पर यहां के एक डीएम का ट्रांसफर नहीं किया गया. ओमप्रकाश राजभर को लगा कि भाजपा मुझे ठग रही है, इसलिए उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया.'
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान ओमप्रकाश राजभर ने एक निजी न्यूज चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में बताया था कि 'मेरे कहने पर योगी सरकार में किसी अधिकारी का ट्रांसफर नहीं किया जाता था.' राजभर ने बताया था कि उनके समधि के लिए भी उन्होंने पैरवी की थी. अब राजभर और बीजेपी के बीच बात बनती है या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन सियासत में ओमप्रकाश राजभर रंग बदलने के लिए काफी मशहूर हैं इसमें कोई शक नहीं..
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